बेंगलुरु स्थित एक फिनटेक स्टार्टअप अपने टैलेंट पूल को बढ़ाने के लिए एक ड्रैमेटिक ऑप्शन लेकर आया है. जिसमें सप्ताह में तीन दिन काम (three-day work week) की सुविधा दी जा रही है. इस फिनटेक कंपनी का नाम है स्लाइस जिसके फाउंडर राजन बजाज है. राजन बजाज ने कहा कि यह एक विन-वन अप्रोच है. इससे कर्मचारियों को फिक्स्ड सैलरी के साथ अपने दूसरे पैशन और इंटरेस्ट को पूरा करने का मौका मिलेगा. बजाज ने कहा कि यह काम का भविष्य है. लोग जॉब से बंधे नहीं रहना चाहते हैं. ब्लूमबर्ग ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है.
स्लाइस ही अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जिसने इस तरह का कोई कदम उठाया है. कई अन्य कंपनियों भी हैं जिन्होंने वर्क वीक को कम करने और इन्सेंटिव जैसे कदम उठाए हैं. हाल ही में साइबर सुरक्षा कंपनी टीएसी ने बेहतर प्रोडक्टिविटी के लिए वीक में चार दिन काम को अपनाया है. कंपनी ने कहा कि अगर यह कर्मचारियों को अधिक प्रोडक्टिव और खुश करता है, तो मुंबई ऑफिस में पॉलिसी को स्थायी कर दिया जाएगा. सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो (Meesho) ने नवंबर में 10 दिनों के ब्रेक की घोषणा की. वहीं फिनटेक स्टार्टअप भारतपे ने दुबई में बीएमडब्ल्यू बाइक, गैजेट्स और क्रिकेट हॉलिडे जैसे रेफरल गुड्स की पेशकश की है.
ग्लोबल इन्वेस्टर भारत के टेक स्टार्टअप्स में अरबों डॉलर डाल रहे हैं, जिससे एंटरप्रेन्योर पर टीमों को तैयार करने का दबाव है. ऐसे में स्लाइस को लगता है कि उसकी यह अप्रोच उसे कॉम्पीटिशन में अलग खड़ा कर देगी. कंपनी में फिलहाल 450 कर्मचारी हैं और वह अगले तीन वर्षों में 1,000 इंजीनियरों और प्रोडक्ट मैनेजरों की भर्ती करना चाहती है. स्लाइस ने सोमवार से अपने तीन-दिवसीय विकल्प (three-day option) की पेशकश (offering) शुरू की है. इसे वह पेशकश का उपयुक्त समय बता रहा है क्योंकि लगभग दो साल तक घर से काम करने के बाद, लाखों इंजीनियर ऑफिस लौटकर काम की तैयारी कर रहे हैं.
2016 में स्थापित इस स्टार्टअप का भारत के युवाओं को क्रेडिट कार्ड देने में स्पेशलाइजेशन है. 2019 में कंपनी ने एक मिनट से भी कम समय के साइन-अप, कैशबैक और कई पेमेंट ऑप्शन के साथ इसका फिजिकल कार्ड लॉन्च किया था. स्लाइस ने सितंबर में 110,000 कार्ड जारी (issue) किए, जिससे यह देश के टॉप प्रोवाइडर्स में से एक बन गया. नए कर्मचारी छोटी टीमें बनाएंगे और नए क्रिप्टोकरेंसी या ‘बाय नाउ पे लेटर’ प्रोडक्ट पर काम करेंगे. बजाज ने कहा, मौजूदा कर्मचारी भी प्रोग्राम के लिए पात्र हैं ‘बशर्ते वे फिट हों’.
काम के दिन कम करने की बात करें तो 1926 में, हेनरी फोर्ड ने सामान्य छह दिनों के स्थान पर पांच-दिवसीय कार्य सप्ताह ( five-day work week) को अपनाया था. प्रयोगों से पता चला था कि इससे प्रोडक्टिविटी प्रभावित नहीं होगी जिसके बाद उन्होंने इस कदम को उठाया था. कई कंपनियों और देशों ने चार-दिवसीय सप्ताह को लेकर भी कई एक्सपेरिमेंट किए हैं. कई स्टडी छोटे सप्ताह की वजह से कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी और वेल-बींग में सुधार की ओर इशारा करती है. अमेजन ने भी 2018 में चुनिंदा कर्मचारियों के लिए सप्ताह में चार दिन काम को लेकर एक्सपेरिमेंट किया था. यहां तक की चीन (China) भी काम के घंटों को कम करने की कोशिश कर रहा है.