सरकार भले ही कहे कि गरीब कल्याण के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम अधिकतर गरीबों को फायदा पहुंचा रहे हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि कुछ सरकारी योजनाएं बहुत कम गरीबों तक पहुंच पाई हैं. कम आयवर्ग के परिवारों पर से उपचार का खर्च घटाने के लिए शुरू हुई पीएम जन आरोग्य योजना देश के 2 सद गरीबों तक भी नहीं पहुंच पा रही.
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ सिर्फ 2 फीसद को
मनी9 का पर्सनल फाइनेंस सर्वे बताता है कि महीने में 15 हजार रुपए से कम कमाने वाले परिवारों में सिर्फ 2 फीसद ही प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ ले सके हैं. सर्वे से यह भी पता चला है कि योजना का अधिकतर लाभ उन परिवारों को हुआ है जिनकी मासिक कमाई 15 हजार रुपए से ऊपर 50 हजार रुपए तक है, यानी गरीबों को ध्यान में रखकर शुरू की गई इस योजना का लाभ गरीबों तक ही नहीं पहुंच पाया है.
मनी9 के सर्व पर खुद सरकार के आंकड़े भी मुहर लगा रहे
मनी9 के सर्व पर खुद सरकार के आंकड़े भी मुहर लगा रहे हैं. सरकार के आंकड़े बताते हैं कि शुरू होने से लेकर इस साल 15 दिसंबर तक देशभर में जन आरोग्य योजना के तहत 4 करोड़ से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा चुके हैं और उन 4 करोड़ लोगों में से लगभग ढाई करोड़ लोग तमिलनाडु, केरल, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात के रहने वाले हैं. वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश और बिहार में जन आरोग्य योजना का लाभ उठाने वालों का आंकड़ा बहुत छोटा है. बिहार में तो लगभग 5 लाख लोग ही इस योजना का लाभ उठा पाए हैं और उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 17 लाख से थोड़ा ऊपर है.
गरीबों तक सरकारी योजनाओं का लाभ कम पहुंच रहा
आर्थिक स्थिति के तौर पर देखा जाए तो तमिलनाडु के मुकाबले बिहार में सालाना प्रति व्यक्ति कमाई 80 फीसद कम है. मनी9 का सर्वे भी बताता है कि बिहार में परिवारों की औसत मासिक कमाई 15 हजार रुपए से भी कम है, जबकि राष्ट्रीय औसत 23000 रुपए है, इस लिहाज से केंद्र की तरफ से गरीबों के लिए शुरू की गई योजना का अधिकतर लाभ बिहार जैसे राज्यों को मिलना चाहिए था, लेकिन जन आरोग्य योजना के आंकड़े गवाही देते हैं कि गरीबों तक सरकारी योजनाओं का लाभ कम पहुंच रहा है.
इन सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक कम पहुंच रहा
सिर्फ जन आरोग्य योजना ही नहीं बल्कि कई और सरकारी योजनाएं हैं जिनका लाभ गरीबों तक कम पहुंच रहा है. मनी9 के सर्वे में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा समृद्धि योजना को लेकर भी ऐसी ही स्थिति सामने आई है. इन योजनाओं में भी गरीबों को मिलने वाला फायदा राष्ट्रीय औसत से बहुत नीचे है.