बिना खरीदें ऐसे चलाएं कार!

अपनी कार पुरानी होने पर आप रीसेल करते हैं, उसके बाद फिर नई कार लेते हैं.

बिना खरीदें ऐसे चलाएं कार!

(Photo Credit: TV9 Bharatvarsh)

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ज्‍यादातर कारों की लाइफ अधिकतम 10 से 15 साल होती है.. साथ ही कार खरीदने के बाद उसकी कीमत भी घटने लगती है. बदलती टेक्नोलॉजी के साथ हर कोई अपडेट रहना चाहता है इसलिए नए फीचर्स चाहिए तो कार भी नई लेनी होगी. ऐसे में मन में एक सवाल उठता है कि क्या कोई उपाय है जिससे कार भी नई मिल जाए और जब चाहें तब उसे बदल भी लें? जी हां, एक उपाय है और उस उपाय का नाम है कार लीजिंग.

आपको जानकर हैरानी होगी क‍ि आप कार खरीदने के अलावा कार लीज पर भी ले सकते हैं. कार लीजिंग के बारे में अगर आपने नहीं सुना तो हमारी यह रिपोर्ट इसे समझाने में आपकी मदद करेगी. ओला, क्विकर कार्स, एविस लीज, ओला कार लीज लीज, उबर कार लीज और रेव ऐसे कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स हैं जिनकी मदद से आप कार लीज पर ले सकते हैं.
भारत हमेशा से एक ओनरशिप मार्केट रहा है जहां लोग या तो पूरे पैसे देकर या फिर लोन लेकर कार खरीदते हैं. लेकिन आजकल बहुत सारे लोग नॉन ओनरशिप के विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं. कार लीजिंग भी इनमें से एक है. कार लीजिंग भी किराए जैसी ही बात है, जहां आपको कार के इस्तेमाल करने का अधिकार मिलता है.

कार खरीदने के साथ आपको एक बार में एक बड़ी राशि का डाउन पेमेंट करना होता है और लोन चुकाना पड़ता है. EMI के साथ-साथ कार की मेंटेंनेस का खर्च भी आपका ही होता है…इसके उलट आप लोन की ईएमआई के बराबर या उससे भी कम राशि हर महीने चुकाकर लीज पर कार ले सकते हैं…कार के साथ मंथली पेमेंट फिक्स्ड होती है… इतना ही नहीं, उसी में मेंटेनेस कॉस्ट यानी कार के रिपेयर, एक्सेसरीज बदलने जैसा खर्च भी शामिल होता है.

अपनी कार पुरानी होने पर आप रीसेल करते हैं, उसके बाद फिर नई कार लेते हैं. वहीं कार लीजिंग के मामले में आप कुछ सालों के बाद ही नई कार ले सकते हैं…इसके अलावा पूरी कीमत चुकाए बिना महंगी और प्रीमियम कार भी चला सकते हैं.

लीजिंग में कॉस्ट, कार के मॉडल, टेन्योर आद‍ि पर निर्भर करती है. आप दो से चार साल और अधिकतम पांच साल के लिए कार लीज पर ले सकते हैं. कुछ कंपनियां एक से तीन साल के लिए भी कार लीज पर देती हैं. हालांकि कार लीजिंग में माइलेज की रिस्ट्रिकशन होती है…यानी आप साल में एक तय सीमा तक ही कार चला सकते हैं. साथ ही कार लीज पर लेने के लिए एक सिक्योरिटी डिपॉजिट भी भरना होता है…ये सिक्योरिटी डिपॉजिट 20,000से 30,000 रुपए तक हो सकता है…ज्‍यादातर ये अमाउंट लीज पर ली जाने वाली कार पर निर्भर करता है… इसके अलावा एक बार में नॉन-रिफंडेबल चार्ज भी पे करना होता है जो 4,000 से 5,000 रुपए हो सकता है…ये अमाउंट भी कार के मॉडल पर निर्भर करता है.

क्या है बेहतर: कार खरीदना या लीज पर लेना?
अगर आप 8 से 10 साल यानी लंबे समय के लिए कार लेना चाहते हैं और आपको लगता है कि अपना खुद का ही सामान होना चाहिए तो फिर कार खरीदना सही है…लेकिन अगर आप कार जैसा ऐसेट ओन नहीं करना चाहते, जल्दी-जल्दी कार बदलना चाहते हैं या फिर आपका काम ऐसा है कि अक्‍सर नई जगह पर ट्रांसफर हो जाता है तो फिर कार लीज पर लेना ही बेहतर है.

Published - June 17, 2023, 09:53 IST