भारतीय रिजर्व बैंक के डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने के लिए, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया विभिन्न कर्मचारी लाभ योजनाओं से संबंधित दावों को अपने कर्मचारियों के वेतन खाते के बजाए सीधे सीधे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी वॉलेट में स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है. आरबीआई की तरफ से सीबीडीसी वॉलेट लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, बैंकों को सलाह दी गई है कि वे सभी स्टाफ सदस्यों को डिजिटल करेंसी का उपयोग करके लेनदेन करने के लिए प्रोत्साहित करें और साथ ही डिजिटल रुपया ऐप पर 100 फीसद स्टाफ पंजीकरण सुनिश्चित करें.
राज्य के स्वामित्व वाले इस बैंक ने 26 दिसंबर को कर्मचारियों को कहा कि इसकी शुरुआत करने के लिए, बैंक प्रबंधन ने समाचार पत्र भत्ते को सीधे सीबीडीसी वॉलेट में जमा करने का फैसला किया है. बैंक ने अपने सभी कर्मचारियों को बैंक के डिजिटल रुपया ऐप पर पंजीकरण करने की सलाह दी है. इस लक्ष्य की दिशा में चल रहे एक पायलट को अपने कुछ कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.हालांकि दूसरी तरफ डिजिटल करेंसी को अपनाने के लिए आगे बढ़ रहे यूनियन बैंक को कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
यूनियन कर रही विरोध
ऑल इंडिया यूनियन बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन ने बैंक के इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि बैंक प्रबंधन कर्मचारियों को वॉलेट का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है. इसके लिए बैंक को पहले कर्मचारियों को डिजिटल करेंसी को लेकर सहज करना जरूरी है. यानी कर्मचारियों को विश्वास में लिए बिना बैंक इस तरह का कदम नहीं उठा सकता है.
यूनियन ने प्रबंधन को लिखा पत्र
यूनियन ने 28 दिसंबर को प्रबंधन को एक पत्र लिख कर ये बाते कहीं. एसोसिएशन ने कहा, ‘सीबीडीसी का उपयोग वैकल्पिक है और बैंक प्रबंधन कर्मचारियों को इसका उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है. केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उपयोग करने के लिए डिजिटल रुपया ऐप पर 100 फीसद कर्मचारियों का पंजीकरण सलाह और प्रोत्साहन के भीतर सीमित होना चाहिए. इतना ही नहीं, कर्मचारियों को ऐसा करने के लिए बाध्य भी नहीं किया जा सकता है.’
क्या है सीबीडीसी?
गौरतलब है कि आरबीआई ने 1 दिसंबर, 2022 को सीबीडीसी लॉन्च किया . यह कागजी मुद्रा यानी करेंसी का एक डिजिटल रूप है जिसे डिजिटल रुपया कहा जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरबीआई ने 27 दिसंबर को सीबीडीसी के खुदरा खंड में एक मिलियन दैनिक लेनदेन तक पहुंचने का अपना लक्ष्य पूरा किया. कई बैंक कथित तौर पर डिजिटल मुद्रा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कैशबैक या रिवार्ड पॉइंट जैसे प्रोत्साहन की पेशकश भी कर रहे हैं.