मानसून सीजन आधा बीत गया है और अबतक बीते मानसून सीजन के दौरान देशभर की औसत बरसात सामान्य के मुकाबले 5 फीसद ज्यादा दर्ज की गई है. लेकिन पूर्वी भारत में अब भी बरसात का इंतजार हो रहा है. बिहार, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगभग सभी जिले सूखे का सामना कर रहे हैं. इन राज्यों में कई जिले तो ऐसे हैं जहां पर बरसात की कमी 70 फीसद से ज्यादा है. बिहार का समस्तीपुर जिला ऐसा है जहां पर बरसात की 82 फीसद कम है.
मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि बिहार सब डिविजन के सभी 38 जिले बरसात की कमी का सामना कर रहे हैं. 1 जून से लेकर 31 जुलाई तक बिहार में सामान्य के मुकाबले 48 फीसद कम बरसात हुई है. समस्तीपुर जिले में 82 फीसद कम बरसात हुई है, इसके अलावा शिवहर में 74 फीसद कम, पूर्वी चंपारण में 70 फीसद कम, सहरसा में 68 फीसद कम, मुजफ्फरपुर में 64 फीसद कम, बेगूसराय और सारन में 62 फीसद कम, नालंदा में 60 फीसद कम समस्तीपुर में 59 फीसद कम और गोपालगंज तथा पश्चिमी चंपारण में 58 फीसद कम बरसात हुई है. इनके अलावा मुंगेर, खगरिया और पटना में भी बरसात की कमी 50 फीसद से ज्यादा है.
झारखंड का हाल भी बिहार से कम नहीं है, सभी 24 जिलों में सामान्य से कम बरसात हुई है. चतरा में सामान्य के मुकाबले 69 फीसद कम, जामतारा में 65 फीसद कम, धनबाद में 64 फीसद कम और लोहरदगा में सामान्य के मुकाबले 61 फीसद कम बरसात हुई है. पश्चिम बंगाल के गंगीय क्षेत्र में कुछ ऐसा ही हाल है, मुर्शिदाबाद, बांकुरा और पुरुलिया में बरसात की कमी 50 फीसद से ज्यादा है.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में से 37 जिले ऐसे हैं जहां पर बरसात की भारी कमी है. मऊ जिले में सामान्य से 71 फीसद कम बरसात हुई है और कौशांबी तथा मिर्जापुर में 70 फीसद कमी दर्ज की गई है, इनके अलावा कुशीनगर और संतकबीरनगर में सामान्य के मुकाबले 66 फीसद कम बारिश हुई है और श्रावस्ती में 59 फीसद कम बारिश हुई है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सिर्फ 5 जिले ऐसे हैं जहां पर बरसात की स्थिति थोड़ी बेहतर नजर आ रही है.
बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का गंगीय क्षेत्र खरीफ फसलों के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है. इन सभी क्षेत्रों में खरीफ सीजन के दौरान अधिकतर धान की खेती होती है. लेकिन बरसात की कमी की वजह से पहले खेती प्रभावित हुई है और जो थोड़ी बहुत खेती हुई है वह भी सूखे की भेंट चढ़ सकती है. इन क्षेत्रों में खरीफ सीजन के दौरान मक्का और खरीफ दलहन की भी खेती होती है, कम बरसात की वजह से इन फसलों की खेती भी प्रभावित हो सकती है.
इस बीच देशभर में हुई औसत बरसात की बात करें तो 1 जून से लेकर 31 जुलाई तक 467 मिलीमीटर बारिश हुई है जो सामान्य के मुकाबले 5 फीसद अधिक है. खरीफ की खेती की बात करें तो 28 जुलाई तक 830 लाख हेक्टेयर में खेती दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान 832 लाख हेक्टेयर में फसल लगी थी.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।