डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइन एयर इंडिया पर 1.10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. DGCA ने कुछ लंबे रूट्स पर उड़ने वाली फ्लाइट्स में सुरक्षा मानकों के उल्लंघन पर यह जुर्माना लगाया है. DGCA ने पट्टे पर लिए गए बोइंग बी777 विमान के संचालन के लिए ऑक्सीजन संबंधी अनुपालन आवश्यकताओं के मामले में नियमों और सुरक्षा मैनुअल का पालन न करने के लिए एयरलाइन पर जुर्माना लगाया गया है.
कर्मचारी ने की थी शिकायत
24 जनवरी के आदेश के अनुसार, नियामक को अक्टूबर में एयरलाइन के एक कर्मचारी से एयर इंडिया के खिलाफ नवंबर 2022 से पट्टे पर लिए गए बोइंग बी777 विमान का उपयोग करके मुंबई/बेंगलुरु-सैन फ्रांसिस्को के बीच संचालित उड़ानों में कथित सुरक्षा उल्लंघन की शिकायत मिली थी. आरोप लगाया गया है कि एयरलाइन ने इमरजेंसी ऑक्सीजन सप्लाई की आवश्यक सिस्टम के बिना अमेरिका के लिए बोइंग 777 विमानों को उड़ाया. शिकायतकर्ता पायलट ने B777 कमांडर के रूप में काम किया था. हालांकि अब वो एयरलाइन के साथ काम नहीं करता है.
ज्यादातर फ्लाइट में ओवरहेड मास्क में ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी करने के लिए सिलेंडर होते हैं. ऑक्सीजन सिस्टम ऐसे उपकरण हैं जिन्हें रासायनिक ऑक्सीजन जनरेटर के रूप में जाना जाता है और वे लगभग 12-15 मिनट तक ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं – एक पायलट के लिए विमान को इतनी ऊंचाई पर छोड़ने के लिए पर्याप्त समय जहां पूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है.
25-30 मिनट के लिए ओवरहेड यात्री मास्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए फ्लाइट पर अतिरिक्त सिलेंडर की आवश्यकता होती है. एयर इंडिया के कई B777s में अतिरिक्त सिलेंडर नहीं है. शिकायतकर्ता ने 29 अक्टूबर को मंत्रालय और डीजीसीए को इस बारे में शिकायत की. हालांकि शिकायत करने के तीन महीने उसे एयरलाइन ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है.
पहले भी लगा जुर्माना
पिछले हफ्ते, नियामक ने कम दृश्यता की स्थिति में फ्लाइट उड़ाने के लिए पायलटों की रोस्टरिंग में चूक के लिए एयर इंडिया पर ₹30 लाख का जुर्माना लगाया था. दिसंबर 2023 के लिए अनुसूचित एयरलाइनों की तरफ से उड़ान विलंब/रद्द/डायवर्जन-संबंधित डेटा का विश्लेषण करने के बाद, डीजीसीए ने निष्कर्ष निकाला था कि एयर इंडिया ने कुछ उड़ानों के लिए सीएटी II/III और कम दृश्यता वाले टेक-ऑफ योग्य पायलटों को रोस्टर नहीं किया था.