Plum Apple: अगरतला के रहने वाले 32 साल के बिक्रमजीत चकमा ने कड़ी मेहनत और तकनीकी जानकारी से सफलता का मुकाम पाया है. उन्होंने अपनी 1.25 हेक्टेयर जमीन पर कश्मीरी ‘सेब बेर’ (Plum Apple) की फसल उगाई है. एक ही सीजन में 3.5 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है. उन्हें इसके लिए मुख्यमंत्री से भी सराहना मिल चुकी है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इंटरनेट पर देखा कि बांग्लादेश में सेब बेर (Plum Apple) की अच्छी फसल हो रही है. मैंने पश्चिम बंगाल से ढाई लाबिक्रमजीत पूरे उत्तर पूर्व राज्य के पहाड़ों पर ‘सेब बेर’ (बेर एप्पल) के खेत देखना चाहते हैं.
चकमा ने बताया कि उन्हें पड़ोसी देश बांग्लादेश में सेब बेर की फसल के बारे में पता चला और उन्होंने अपने राज्य में इसे उगाने के बारे में सोचा. ख रुपये में 1,300 पौध खरीदीं और पिछले मार्च में अपने खेत में बोईं. जनवरी में फसल कटने के बाद मुझे इसे बेचकर छह लाख रुपये की आमदनी हुई.
इससे पहले वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ आलू आदि की खेती करते थे. इसके लिए मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव ने चकमा के इन प्रयासों के लिए उनकी तारीफ की.
मध्यप्रदेश में ऐसा ही एक काम ”दीनदयाल अंत्योदय राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन” के अंतर्गत जबलपुर जिले के पनागर विकासखंड में संचालित स्व-सहायता समूह द्वारा आजीविका के लिए नित नए प्रयोग के तहत कर दिया गया है.
यहां की महिलाओं ने इकट्ठे आकर एक रचनात्मक श्रृंखला शुरू की.
अपनी ग्राम पंचायत सुंदरपुर के स्वयं सहायता समूह गार्गी, अदिति, अपाला, अहिल्या, अनुसुइया और एकता समूह की लगभग 75 महिला सदस्यों द्वारा गाय के गोबर से हवन कुंड (Havankund) पात्र का निर्माण करना आरंभ कर दिया.
इसकी मांग आज न केवल मध्य प्रदेश में बल्कि राज्य के बाहर कई प्रदेशों में बनी हुई है. हजारों लोगों को इन संयुक्त आई महिलाओं ने सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मुहैया करा दिया है.