कोरोना महामारी के बाद फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) ने बाजार में शानदार वापसी की है. इस सफल वापसी के बाद अब जोमैटो ने अपने राइडर्स के लिए एक नया इंसेंटिव प्रोग्राम शुरू किया है, जिससे वे कैश-ऑन-डिलीवरी ऑर्डर से एकत्र किए गए नकद को एक सप्ताह के लिए अपने स्वयं के खर्चों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. जोमैटो (Zomato) ने कहा कि इस इंसेंटिव प्रोग्राम से डिलीवरी पार्टनर्स के कैश-इन-हैंड में बढ़ोतरी होगी. इस कैश को राइडर्स अपने साप्ताहिक भुगतान के साथ जमा कर सकते हैं. जोमैटो ने यह कदम अपने एक सर्वे में पूछे गए सवाल कि ‘क्या ज़ोमैटो के मेगा आईपीओ ने अपने राइडर्स को लाभान्वित किया है’ के जवाब पर मिले राय के मुताबिक उठाया है.
जोमैटो ने बताया कि राइडर्स के लिए क्रेडिट इंसेंटिव इसकी बंपर लिस्टिंग का नतीजा नहीं है. क्रेडिट सीमा लाभ कुछ समय के लिए है. यह राइडर्स को अपने स्वयं के खर्च के लिए ग्राहकों से एकत्र की गई नकदी का उपयोग करने की अनुमति देता है. जोमैटो के मुताबिक बकाया राशि साप्ताहिक भुगतान के साथ जमा करनी होगी. इस स्कीम से डिलीवरी पार्टनर्स का समय, यात्राएं और कैश-इन-हैंड की बचत होगी.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस इंसेंटिव स्कीम से जहां एक तरफ राइडर्स को फायदा होगा, वहीं कंपनी को भी फायदा होगा. कंसल्टिंग फर्म वजीर एडवाइजर्स के एमडी हरमिंदर साहनी ने बताया कि राइडर्स को फायदा होता है, लेकिन केवल एक हद तक, क्योंकि वे दिन के अंत में केवल वही प्राप्त करते हैं जो उनके कारण होता है. कंपनी के लिए इसमे ज्यादा लाभ है, क्योंकि कंपनी को अंत में नकदी का प्रबंधन नहीं करना पड़ता है. इसलिए, राइडर्स से इकट्ठा करने, अकाउंटिंग और फिर बैंक में जमा करने की बहुत सारी प्रक्रियाओं से कंपनी बच जाती है, जिससे कंपनी के लिए भी बहुत सारे संसाधनों की बचत होगी.
जुलाई के महीने में जोमैटो ने शेयर बाजार में अच्छा व्यापार किया. जोमैटो का स्टॉक 23 जुलाई को 76 रुपये के इश्यू प्राइस पर 50 फीसद से अधिक प्रीमियम पर सूचीबद्ध हुआ. सुबह 10:20 बजे तक, Zomato के शेयर 2.51फीसद बढ़कर 136.85 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. इसी साल फरवरी में जब रोजगार के हालात देश भर में खस्ताहाल थे उस दौरान जोमैटो ने अपने कर्मचारियों की तनख्वाह में बढ़ोतरी कर सब को चौंका दिया था.