एक तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के चलते भूस्खलन ने पर्यटन को काफी प्रभावित किया हैं. वहीं दूसरी जुलाई के बाद अगस्त माह में भी सामान्य से कम बारिश होने की जानकारी मिल रही है. इसी के साथ गर्मी ने भी लोगों को परेशान कर रखा है. मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि अगस्त के महीने में बारिश 26 फीसदी कम हुई है. दो महीने में कम बारिश के कारण इस साल सामान्य से कम मानसून की आशंका जताई जा रही है.
IMD के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में बारिश सामान्य से सात फीसदी कम रही है. IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, बीते शनिवार (28 अगस्त) तक पूरे महीने में बारिश 26 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि बारिश में कमी उत्तर और मध्य भारत में दर्ज की गई है. हालांकि इससे पहले जून में 10 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई थी.
IMD जल्द ही सितंबर के लिए पूर्वानुमान जारी करेगा. एक जून से 30 सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन में पिछले दो महीने से बारिश में कमी देखने को मिल रही है. जबकि IMD ने इस साल सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की थी. मौसम की भविष्यवाणी करने वाली एक निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर ने भी इस साल सामान्य से कम मानसून की आशंका जताई थी.
IMD के आंकड़ों के मुताबिक 1 जून से 28 अगस्त के बीच देश में 10 फीसदी कम बारिश हुई. IMD ने अगस्त के लिए सामान्य बारिश (दीर्घकालिक औसत या एलपीए का 94 से 106 प्रतिशत) की भविष्यवाणी की थी, लेकिन फिलहाल यह पूर्वानुमान सही होता दिखाई नहीं दे रहा है. IMD ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि साल 2021 के दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन की दूसरी छमाही (अगस्त से सितंबर) के दौरान पूरे देश में बारिश सामान्य होने की संभावना है.