एयरलाइन सेक्टर में तेज होने लगी हैं गतिविधियां, लो कॉस्ट फ्लाइट्स में बढ़ रही है लोगों की भीड़

राकेश झुनझुनवाला की एयरलाइन आकासा अगले साल शुरू होने जा रही है. इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर, अकासा और एयरएशिया इंडिया के बीच अब ज्यादा प्रतिस्पर्धा होगी.

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निवेशक राकेश झुनझुनवाला की नई एयरलाइन आकासा के भी अगले साल शुरू होने की खबरें हैं.

निवेशक राकेश झुनझुनवाला की नई एयरलाइन आकासा के भी अगले साल शुरू होने की खबरें हैं.

एक-डेढ़ साल कोरोना महामारी की मार झेलने के बाद एयरलाइन सेक्टर में गतिविधियां तेज होने लगी हैं. एयर इंडिया को नए प्रमोटर मिलने के बाद घरेलू विमानन बाजार में किफायती एयरलाइन मानी जाने वाली इंडिगो की चिताएं बढ़ गई हैं. वहीं जाने माने निवेशक राकेश झुनझुनवाला की नई एयरलाइन आकासा के भी आने की खबरें हैं. हालांकि इंडिगो को इससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ने वाला है. एक खबर के अनुसार भारत की सबसे कम लागत वाली (लो कॉस्ट कैरियर, एलसीसी) इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने कहा कि झुनझुनवाला की आकासा अगले साल की शुरुआत में शुरू होने जा रही है ऐसे में उनका मानना है कि कम लागत वाली जगह में भीड़ ज्‍यादा हो रही है.

अकासा अगले साल की शुरुआत में अपनी हवाई सेवा शुरू करने के लिए तैयार है. दूसरी ओर टाटा द्वारा एयर इंडिया का अधिग्रहण करने के साथ पूर्ण सेवा वाहक (FSC) के विस्तार की जरूरत है क्योंकि भारत में वास्तव में एक FSC के लिए अभी भी गुंजाइश है. दत्ता ने गुरुवार को इंडिगो के जुलाई-सितंबर के परिणाम की घोषणा के बाद कहा कि एलसीसी (LCC-low cost carrier) के लिए मैदान में भीड़ हो जाएगी. इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर, अकासा और एयरएशिया इंडिया के बीच अब ज्यादा प्रतिस्पर्धा होगी. वर्तमान में घरेलू बाजार में इंडिगो की हिस्सेदारी लगभग 57 फीसदी है.

क्या कहा था राकेश झुनझुनवाला ने कमजोर एयरलाइंस को लेकर?

राकेश झुनझुनवाला ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि कमजोर एयरलाइंस लंबे समय तक नहीं चल सकती. बाजार में प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई है और अन्य खर्चों में वृद्धि अधिक हुई है ऐसे में कमजोर एयरलाइंस का बाजार में टिक पाना असंभव है. वहीं दत्ता ने कहा कि हम अभी तक यह नहीं जानते हैं कि टाटा क्या करने जा रही है, अभी संकेत हैं कि वे एक पूर्ण सेवा वाहक (FSC) होंगे. वे अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर बहुत ध्यान केंद्रित करेंगे, जिनमें हम प्रतिस्पर्धा भी नहीं करते हैं. अकासा के अल्ट्रा लो कॉस्ट कैरियर्स (ULCC) के बारे में उन्होंने कहा कि इंडिगो ने उस मॉडल का बहुत विस्तार से अध्ययन किया था.

आकासा को लगेगा अभी वक्त, धीरे-धीरे बढ़ेंगे आगे : दत्ता

आकासा की बात करें तो अभी या अगले दो-तीन सालों के लिए बहुत कम प्रतिस्पर्धा रहेगी. वे बाजार में धीरे-धीरे आगे बढ़ेंगे, उन्हें स्लॉट प्राप्त करना होगा और विमान लेने होंगे. वे धीमी गति से आगे बढ़ पाएंगे. दत्ता ने कहा कि बहुत सी विदेशी एयरलाइंस बैंकॉक , सिंगापुर, दुबई, अबू धाबी और दोहा जैसे अपने हब के जरिए भारत से वन-स्टॉप टैरिफ ले जाती हैं. अब हमारे पास इस नॉनस्टॉप को आगे बढ़ाने का अवसर है, चाहे टाटा करे या इंडिगो. यह रेवेन्‍यू प्राप्त करने का एक बड़ा अवसर है.

Published - October 30, 2021, 06:23 IST