सरकार को समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए किसान को अपने आधार नंबर की जानकारी देनी होगी. इसकी शुरुआत कपास की फसल के साथ हो गई है. केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की है कि कॉटन कार्पोरेशन ऑफ इंडिया को कपास बेचने वाले किसानों को आधार का पंजीकरण कराना होगा. हालांकि यह नियम लागू तभी होगा जब संबंधित सरकार इसे अपनी गजट में प्रकाशित करेगा. लेकिन कुछ राज्यों में फसल खरीद के लिए आधार की जरूरत पहले ही लागू हो चुकी है. तमिलनाडु में समर्थन मूल्य पर धान की खरीद के लिए राज्य सरकार किसानों से आधार मांगती है. हो सकता है कि भविष्य में कुछ और राज्य सरकारें कुछ और फसलों की सरकारी खरीद के लिए आधार जरूरी कर दें.
उधर केंद्र सरकार ने MGNREGA की दिहाड़ी के लिए भी आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम (ABPS) को 1 जुलाई से लागू करने का फैसला किया है. केंद्र ने सभी राज्यों को ABPS पर स्विच करने के लिए कहा है. अभी तक राज्य सरकारें अलग-अलग मॉडल के जरिए करती हैं MGNREGA की दिहाड़ी का भुगतान करती हैं.
MGNREGA केंद्र सरकार की योजना है और उसके लिए केंद्र की तरफ से राज्यों को आवंटन होता है. केंद्र सरकार ने पर राज्यों को फरवरी से MGNREGA के लिए ABPS व्यवस्था को लागू करने का निर्देश दिया था. लेकिन बाद में इसे मार्च अंत और फिर जून अंत तक टाल दिया था. अब केंद्र सरकार इस व्यवस्था को और नहीं टालना चाहती, इसलिए राज्यों को पहली जुलाई से इसे लागू करने के लिए कहा गया है. मार्च में MGNREGA के तहत देशभर में जितनी दिहाड़ी दी गई उसमें 84 फीसद भुगतान ABPS से किया गया है, देश में करीब 14.25 करोड़ एक्टिव MGNREGA मजदूर हैं और उनमें अबतक 95.4 फीसद आधार से जुड़ चुके हैं.