7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का इंतजार है. पिछले साल कोविड-19 के चलते सरकार ने इसे जून 2021 तक रोक दिया है. लेकिन, जल्द ही इस पर लगी सीलिंग हटने वाली है. केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की तीन किस्त मिलेंगी. महंगाई दर में बढ़ोतरी के कारण इस बार सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि उनका DA सबसे ज्यादा बढ़ेगा. DA कर्मचारी को मिलने वाली सैलरी का कंपोनेंट है. यह सीधे तौर पर कर्मचारी की कॉस्ट ऑफ लिविंग से जुड़ा होता है और कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स से लिंक होता है.
महंगाई भत्ते (Dearness allowance) को केंद्र सरकार समय-समय पर रिवाइज (संशोधित) करती है. इसकी कैलकुलेशन (गणना) बेसिक पे को आधार मानकर फीसदी में की जाती है. अभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 17 प्रतिशत DA मिल रहा है. इसमें 4 फीसदी का इजाफा पिछले साल जुलाई में हुआ था. लेकिन, कोरोना महामारी के चलते उसके भुगतान पर सरकार ने रोक लगा दी. कागजों में कर्मचारियों के लिए DA 21 फीसदी हो चुका है. लेकिन, 4 फीसदी का गैप अभी भरा नहीं है. वहीं, अब जनवरी में आए AICPI के आंकड़ों से इसके और बढ़ने की संभावना है. साल में दो बार DA घोषित होता है, पहली किस्त जनवरी से जून तक और दूसरी जुलाई से दिसंबर तक दी जाती है. जानकारों के मुताबिक, 7th Pay Commission के तहत मिलने वाला DA पूरी तरह टैक्सेबल होता है. मतलब आपको जितनी रकम महंगाई भत्ते के नाम पर मिलती है वह टैक्सेबल होती है.
ऐसे होती है DA की कैलकुलेशन
DA ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) से लिंक होता है. इसके फॉर्मूले में AICPI का औसत लिया जाता है.
DA% = ((AICPI का औसत (आधार वर्ष 2001=100) बीते 12 माह के लिए -115.76)/115.76)x100
शहर के आधार पर तय होता है DA
DA कर्मचारी के दफ्तर की लोकेशन के आधार पर अलग होता है. शहरी क्षेत्र के लिए DA ज्यादा होगा. वहीं, अर्द्ध शहरी क्षेत्र और गांव के लिए DA कम होगा.
PSU कर्मचारियों के लिए कैसे तय होता है?
अब अगर PSU (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) में काम करने वाले लोगों के महंगाई भत्ते (Dearness allowance) की बात की जाए तो इसके कैलकुलेशन का तरीका यह है- महंगाई भत्ता प्रतिशत= (बीते 3 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत (Base Year 2001=100)-126.33))*100
पेंशनर्स के DA पर कैसे होता है फैसला?
वेतन आयोग की ओर से जब भी सैलरी स्ट्रक्चर को रिवाइज किया जाता है तो उसके साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों के DA में भी बदलाव हो जाता है. इसी तरह जब DA में इजाफा होता है तो फिर उसी दर के मुताबिक, पेंशनरों के डीए में भी बढ़ोतरी की जाती है.