महामारी के चलते अर्थव्यवस्था में नकदी का सर्कुलेशन बढ़ा है और हाल के वक्त में ये रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है. लेकिन, कैश सर्कुलेशन में भी 500 रुपये के नोट सबसे ज्यादा चलन में आए हैं. इसका मतलब ये है कि लोगों के बटुए में दूसरी करेंसी के मुकाबले 500 के नोट सबसे ज्यादा नजर आ रहे हैं.
रिजर्व बैंक (RBI) के जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक, 2019-20 में इस्तेमाल किए जाने वाले 500 रुपये के नोट 25.4 फीसदी थे, जो कि 2020-21 में बढ़कर 31.1 फीसदी पर पहुंच गए. इस तरह से इसमें 5.7 फीसदी का इजाफा हुआ है. 2018-19 में 500 रुपये के नोट 19.8 फीसदी ही चलन में थे. इस तरह से 2020-21 में चलन में आने वाले 500 रुपये के नोट्स का आंकड़ा 11.3% बढ़ गया है.
वैल्यू के हिसाब से क्या हैं आंकड़े?
वैल्यू के लिहाज से 500 रुपये के नोट की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2018-19 में 51% थी, जो कि वित्त वर्ष 2019-20 में बढ़कर 60.8 फीसदी पर पहुंच गई. इसके बाद वित्त वर्ष 2020-21 में ये हिस्सेदारी बढ़कर 68.4% पर पहुंच गई है.
इन आंकड़ों से ये पता चल रहा है कि 500 का नोट लोगों की पहली पसंद बना हुआ है.
हाल के दौर में किसी भी दूसरी करेंसी का सर्कुलेशन इतना नहीं बढ़ा है.
2,000 का नोट हुआ गायब
2,000 रुपये का नोट देश का सबसे बड़ा नोट है. इसका चलन 2019-20 में 3 फीसदी था जो कि वित्त वर्ष 2020-21 में घटकर 2.4 फीसदी रह गया है. यानी 2,000 रुपये का सर्कुलेशन कम हुआ है.
बढ़ने-घटने वाले
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपनी सालाना रिपोर्ट में RBI ने 20 रुपये, 200 रुपये और 500 रुपये के नोट्स की हिस्सेदारी के आंकड़े दिए हैं.
2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये और 2,000 रुपये के नोटों का चलन 2020-21 में इससे पिछले साल के मुकाबले कम हुआ है.
छोटे नोट्स से लोगों का मोहभंग
छोटे नोट सबसे तेजी से चलन से खत्म होते दिख रहे हैं. सर्कुलेशन के आंकड़ों से ये जाहिर हो रहा है. 2 रुपये और 5 रुपये के नोट्स का सर्कुलेशन 2018-19 में 10.4% था, जो कि 2019-20 में घटकर 9.7 फीसदी और इसके अगले वित्त वर्ष में ये और घटकर 9 फीसदी पर आ गया है.
इसके अलावा, 10 रुपये का नोट 2018-19 में 28.7 फीसदी चलन में था, जो कि इसके अगले वित्त वर्ष में घटकर 26.2 फीसदी और इसके बाद वाले साल में और घटकर 23.6 फीसदी पर आ गया है.
इससे ये जाहिर हो रहा है कि लोगों में छोटे नोट्स का इस्तेमाल कम हो रहा है.
50 और 100 रुपये के नोट भी घटे
इसी तरह से 50 रुपये के नोट की सर्कुलेशन में हिस्सेदारी 2018-19 में 7.9 फीसदी थी जो कि अगले दो साल में घटकर 7 फीसदी पर आ गई है.
यहां तक कि 100 रुपये के नोट का भी इस्तेमाल कम हुआ है. 100 रुपये का नोट 2019-20 में 17.2 फीसदी सर्कुलेशन में था जो कि 2020-21 में घटकर 15.3 फीसदी पर आ गया है.