भारत को दुनिया के लिए ह्यूमन रिसोर्स कैपिटल बनाने के लिए स्किल इंडिया मिशन की शुरुआत की गई. कोविड के दौर में युवाओं के स्किल को मांझने के लिए तमाम नए स्किल कोर्स जोड़े गए हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार इस दिशा में कई अन्य प्रयास कर रही है. कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए गत पांच वर्षों में पांच कौशल विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है। साथ ही कौशल आधारित कार्यक्रमों की पेशकश करने के लिए यूजीसी (UGC) द्वारा अनुमोदित संस्थानों की संख्या में लगभग तीन गुणा वृद्धि की गई है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान राजस्थान में दो, नई दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में एक-एक कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है. इनमें 2016 में श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी गुरुग्राम (हरियाणा) की स्थापना की गई. इसके अगले वर्ष 2017 में सिम्बायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पुणे (महाराष्ट्र), भारतीय कौशल विकास विश्वविद्यालय, जयपुर (राजस्थान) और राजस्थान आईएलडी कौशल विश्वविद्यालय (आरआईएसयू), जयपुर (राजस्थान) की स्थापना की गई. 2020 में दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली की स्थापना की गई.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020-21 में यूजीसी द्वारा कौशल आधारित कार्यक्रमों की पेशकश के लिए 139 विश्वविद्यालयों को मंजूरी दी गई थी. यूजीसी ने अप्रेंटिसशिप व इंटर्नशिप एम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए हैं और सभी विश्वविद्यालयों से इस तरह के डिग्री प्रोग्राम को शुरू करने का अनुरोध किया गया है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तहत सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) रिटेल, लॉजिस्टिक्स और मीडिया में “डिग्री अप्रेंटिसशिप” कार्यक्रम लागू कर रहे हैं. अब तक 47 संस्थान डिग्री अप्रेंटिसशिप प्रदान कर रहे हैं.
उन्होंने कौशल आधारित कार्यक्रमों को लागू करने के लिए यूजीसी द्वारा अनुमोदित संस्थानों की वर्ष-वार संख्या का आंकड़ा साझा किया. इसमें 2016-17 में जहां संस्थानों की संख्या मात्र 425 थी, वहीं 2020-21 में यह लगभग तीन गुणा बढ़कर 1,208 तक पहुंच गई है.