लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बने हुए 2 साल पूरे हो गए हैं. इन 2 वर्षों में कोविड चुनौतियों के बीच लद्दाख को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है. पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय लोगों को तक उच्चतर शिक्षा की पहुंच आसान करने के लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए लोकसभा ने केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021को मंजूरी दे दी.
लद्दाख में बनेगा सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय
इस विधेयक में केंद्रशासित राज्य लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान किया गया है. इस प्रस्तावित विश्वविद्यालय का नाम ‘सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय’ रखने का इस विधेयक में उपबंध किया गया है.
750 करोड़ रुपये का बजट
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष 15 अगस्त के अवसर पर लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी, जिसके बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि लद्दाख में बनने वाले विश्वविद्यालय में 2,500 विद्यार्थियों के पढ़ने का प्रबंध रहेगा. विश्वविद्यालय के लिए अवसंरचना, दो चरणों में सात वर्षों के लिए 750 करोड़ रुपये के बजटीय उपबंध के साथ स्थापित की जाएगी.
विधेयक के उद्देश्य और कारण
केंद्र सरकार के मुताबिक, “लद्दाख क्षेत्र में कोई विश्वविद्यालय नहीं है, इसलिए सरकार ने लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र में एक नया केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का विनिश्चय किया है, जिससे उच्चतर शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता में वृद्धि करना सुनिश्चित किया जा सके तथा लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के लोगों के लिए उच्चतर शिक्षा और अनुसंधान के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके. इससे आने वाले वर्षों में क्षेत्रीय आकांक्षाओं की भी पूर्ति होगी.”