भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अपने कर्मचारियों के वेतन में बढोतरी कर दी है. टैरिफ महंगे कर ग्राहकों से कमाई करने वाली इन टेलीकॉम कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में महज 7 से 8 फीसद ही बढोतरी की है. हालांकि दोनों कंपनियों ने इंक्रीमेंट के साथ में 110 फीसद तक बोनस भी दिया है जिसे कर्मचारियों को कंपनी में रोकने की कोशिश माना जा रहा है. हालांकि टेलीकॉम मार्केट के लीडर यानी रिलायंस जियो ने अभी तक अपने कर्मचारियों को इंक्रीमेंट नहीं दिया है.
देश के टेलीकॉम सेक्टर में अब केवल तीन निजी कंपनियां बची हैं. जियो, एयरटेल और वोडा-आइडिया. इनमें से जियो सबसे आगे है लेकिन अभी तक जियो ने इंक्रीमेंट नहीं किया है. यानी बाजार में कम कंपनियां होने का फायदा ये कंपनियां उठाती दिख रही हैं. इसे एक किस्म की मोनोपली या डुओपली कहा जा सकता है.
7 से 8 फीसद तक हुए इस इंक्रीमेंट को उम्मीद से कम माना जा रहा है. विशेषज्ञ, 10 से 12 फीसद औसत इंक्रीमेंट की संभावना जता रहे थे. ग्लोबल लेवल पर आई आर्थिक सुस्ती के बाद भी, और वोडाफोन आइडिया की वर्तमान स्थिति के बाद भी दिए गए इंक्रीमेंट को अपने कर्मचारियों को रिटेन करने की कोशिशों के तौर पर भी देखा जा रहा है.
टीमलीज के कार्तिक नारायण कहते हैं कि टेलीकॉम कंपनियां अपने कर्मचारियों को इंसेंटिव दे रही हैं, जिनमें 100 फीसद तक बोनस और अच्छी हाइक शामिल है. ये अपने वर्कफोर्स को प्रोत्साहित करने की कोशिश है. ऐसे दौर में जब रिटेंशन को रिक्रूटमेंट की तरह देखा जा रहा है तब ये प्रयास दिखाते हैं कि कंपनियों का फोकस अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीम तैयार करने पर है.
अब एक ओर जहां तीनों कंपनियों का फोकस नए ग्राहक जोड़ने पर है, पुराने ग्राहकों को बनाए रखने पर है वहीं दूसरी ओर 5जी जैसी नई तकनीकों के माध्यम से अपनी आमदनी बढ़ाने पर भी है.
मीडिया रिपोर्ट बताती हैं कि जियो अपने कर्मचारियों को अक्टूबर तक इंक्रीमेंट दे सकता है. और ये इंक्रीमेंट महज 6 फीसद तक रह सकता है. हालांकि कंपनी, वोडा-आइडिया और एयरटेल की तरह कर्मचारियों को बोनस दे सकती है.
ट्राई की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी-मार्च 2023 की तिमाही में जियो का मार्केट शेयर 41.7 फीसद हो गया जबकि एयरटेल 36.5 फीसद पर पहुंच गया. इनके अलावा वोडा-आइडिया का मार्केट शेयर 16.6 फीसद रहा.