13 महीने पहले शुरू हुई आकासा एयर भारी संकट का सामना कर रही है. 43 पायलट्स के इस्तीफा देने से अकासा एयर अब कभी भी अपना परिचालन बंद कर सकती है. इससे पहले गो-फर्स्ट भी नकदी संकट का हवाला देते हुए अपना परिचालन बंद कर चुकी है. हालांकि गो-फर्स्ट फिर से अपना परिचालन शुरू करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक उसे इसमें सफलता नहीं मिल पाई है. अकासा एयर ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका की सुनवाई के दौरान कही. अकासा एयर ने अपने 43 पायलट्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है, जिन्होंने बिना नोटिस दिए ही नौकरी छोड़ दी और प्रतिस्पर्धी एयरलाइंस में काम शुरू कर दिया.
अकासा एयर के वकील ने न्यायाधीश मनमीत प्रीतम सिंह अरोरा से कहा कि अचानक पायलट्स के नौकरी छोड़ने से, अकासा एयर को सितंबर महीने में अबतक रोजाना 24 उड़ानों को रद्द करना पड़ा है. इन सभी पायलट्स ने अनिवार्य नोटिव पीरियड पूरा किए बिना ही नौकरी छोड़ दी और प्रतिस्पर्धी एयरलाइंस एयर इंडिया एक्सप्रेस को ज्वॉइन किया है. फर्स्ट ऑफिसर के लिए अनिवार्य नोटिस पीरियड 6 महीने और कैप्टन के लिए नोटिस पीरियड की अवधि एक साल है.
अकासा अभी प्रतिदिन 120 उड़ानों का परिचालन कर रही है. अकासा एयर के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अगर पायलट्स का इस्तीफा देना जारी रहता है, तब सितंबर महीने 600 से 700 उड़ाने रद्द हो सकती हैं. अकासा ने अगस्त में पायलट्स की कमी के कारण 600 उड़ानों को रद्द किया था. अकासा एयर के वकील ने हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि वह DGCA को अनिवार्य नोटिस पीरियड के नियमों को और सख्त बनाने का निर्देश दे.
अकासा एयर का कहना है कि पायलट्स को ट्रेंड करने में 7 से 8 महीने लगते हैं. पायलट्स को जल्दी और आसानी से रिप्लेस नहीं किया जा सकता. एविएशन सेक्टर इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है. गो-फर्स्ट इस साल मई में दिवाली प्रक्रिया से गुजर रही है. गो-फर्स्ट का आरोप है कि अमेरिका की प्रैट एंड व्हिटनी से इंजन आपूर्ति में हो रही देरी की वजह से उसके 54 विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं, जिसकी वजह से उसे घाटा हो रहा है.
अन्य बजट एयरलाइन स्पाइसजेट भी निरंतर नकदी संकट से जूझ रही है. विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों के साथ उसके कई मुकदमे चल रहे हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने DGCA से शुक्रवार तक अपना जवाब देने को कहा है. इसके अलावा अदालत ने दो पायलट यूनियनों इंडियन पायलट्स गिल्ड और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स को भी अगली सुनवाई में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
पायलट्स के बिना नोटिस पीरियड दिए नौकरी छोड़ने से अकासा को वित्तीय तौर पर तो नुकसान हुआ ही है, इसके साथ ही उसकी प्रतिष्ठा को भी धक्का लगा है. अंतिम समय पर उड़ान रद्द करने से यात्रियों को भी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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