मानसून की गति सुस्त पड़ने की वजह से खरीफ फसलों की बुआई प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है. खासकर धान, तिलहन और दलहन की बुआई में देरी हो सकती है. केरल में मानसून के देरी से आने के बाद से देशभर में अब तक बारिश सामान्य से कम हुई है. ऐसे में खरीफ बुआई को लेकर चिंता बढ़ गई है. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक देशभर में सामान्य के मुकाबले 33 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है. पिछले कुछ दिन से मानसून दक्षिण-पश्चिम महाराष्ट्र में रुका हुआ है. बता दें कि केरल में मानसून के आने में देरी हुई थी. केरल में आमतौर पर मानसून की बारिश 1 जून को हो जाती है लेकिन इस बार 8 जून को बारिश हुई थी. वहीं अलनीनो की वजह से मानसून में कमी को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
खरीफ की बुआई 10-12 दिन पिछड़ी
देश के प्रमुख खेती वाले इलाकों में खरीफ की बुआई 10-12 दिन पिछड़ चुकी है. वहीं बुआई में अगर देरी और होती है तो फसल की यील्ड में गिरावट देखने को मिल सकती है. जानकारों का कहना है कि मानसून आने के चार से पांच दिन बाद ही दलहन की बुआई शुरू हो जाती है. मौजूदा बारिश की कमी की वजह से मिट्टी की नमी में कमी देखने को मिल रही है. ऐसे में दलहन की बुआई पर खराब असर पड़ सकता है. मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेट ने जुलाई के पहले हफ्ते तक देश में प्रमुख कृषि के इलाकों में कमजोर बारिश की भविष्यवाणी की है. बता दें कि खरीफ की बुआई के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण होता है. दरअसल, खेती के लिए खेतों को तैयार किया जाता है. जानकारों का कहना है कि बारिश की कमी की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली फसलों में से सोयाबीन भी है और इस साल इसका रकबे में गिरावट देखने को मिल सकती है.
मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पश्चिम मध्य एवं उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, झारखंड और बंगाल से गंगा से सटे कुछ इलाकों की ओर बढ़ गया है. वहीं बिहार के कुछ इलाकों और पश्चिम बंगाल के हिमालयी क्षेत्र और सिक्किम में भी मानसून पहुंच चुका है. मौसम विभाग का कहना है कि पूर्वी राजस्थान में 21 जून तक बारिश हो सकती है.