वंदे भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके जरिये रेलवे का कायाकल्प करने की कोशिश की जा रही है. हाल ही में शुरू की गई वंदेभारत ट्रेनों को विशेष सफलता न मिलते देख, अब सरकार ने नई योजना बनाई है.
सरकार वंदे भारत ट्रेन जैसी सुविधाओं वाली नॉन एसी ट्रेन लेकर आएगी.इस ट्रेन का किराया वंदे भारत की तुलना में कम होगा.ये पूरी तरह नॉन एसी (non-AC) ट्रेन होंगे जिसमें यात्रियों के लिए केवल स्लीपर और जनरल क्लास के कोच होंगे. नॉन एसी ट्रेन होने की वजह से इन्हें चलाने का लागत कम होगा और इसी का फायदा किराए के रूप में मिलेगा. सरकार के इस कदम का मकसद सभी यात्रियों के लिए किफायती, आरामदेह और तेज रफ्तार वाली ट्रेन की सुविधा उपलब्ध कराना है.
इस ट्रेन के नाम की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसका नाम वंदे साधारण या वंदे अंत्योदय हो सकता है.
वंदे भारत ट्रेन की सफलता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच वंदे साधारण ट्रेन लाने का फैसला मायने रखता है. गौरतलब है कि महंगा किराया होने की वजह से वंदे भारत ट्रेन के डिब्बे ज्यादातर रूट पर खाली जा रहे हैं.
कहां बन रही है ये ट्रेन?
इस नॉन–एसी ट्रेन के डिब्बों का निर्माण (कोच) चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया जा रहा है. इसी फैक्ट्री में वंदे भारत ट्रेन के डिब्बों का भी निर्माण किया गया है. नई ट्रेन इस साल के अंत तक पटरी पर दौड़ सकती है.
ट्रेन में क्या सुविधाएं होंगी?
नई ट्रेनों में एसी को छोड़कर बाकी फीचर वंदे भारत जैसे ही होंगे. इसमें बायो–वैक्यूम टॉयलेट (bio-vacuum toilets), हर सीट पर चार्जिंग पॉइंट, पैसेंजर इंफोर्मेशन सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे और ऑटोमैटिक दरवाजे होंगे. ये पहली ऐसी नॉन–एसी ट्रेन होगी जिसमें ये सुविधाएं होंगी.
सूत्रों के मुताबिक हल्के एल्युमीनियम वाले इन डिब्बों में ज्यादा जगह भी होगी. नई ट्रेन इंजन के सहारे चलेगी और इसके दोनों छोर पर इंजन होंगे. आमतौर पर ट्रेनों में एक ही इंजन होता है. ट्रेन में 2 लगेज कोच, दिव्यांगों के लिए कोच, 8 सेकेंड क्लास जनरल कोच और 3-टियर के 12 स्लीपर कोच होंगे.