देश में स्टार्टअप के लिए इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और लाइफसाइंस पसंदीदा सेक्टर हैं. पिछले 7 साल में देश में अधिकतर स्टार्टअप IT सर्विसेज, हेल्थकेयर और लाइफसाइंस के सेक्टर से जुड़े हैं. 2022 में IT सेवाओं से जुड़े 2,732 स्टार्टअप, हेल्थकेयर और लाइफसाइंस के क्षेत्र से जुड़े 2,548 को मान्यता मिली थी. इसके अलावा देश में सबसे ज्यादा स्टार्टअप कृषि, निर्माण, शिक्षा, खाद्य एवं पेय पदार्थ, व्यावसायिक एवं वाणिज्यिक सेवाओं से जुड़े हैं.
गौरतलब है कि देश में स्टार्टअप की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. 2016 में देश में सिर्फ 428 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप थे. वहीं 2023 में इन स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 98,119 हो गई है. देश में सबसे ज्यादा स्टार्टअप IT सेक्टर में खुले हैं. संसद में एक सवाल के लिखित जवाब में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने बताया है कि 2022 में IT सेवाओं से जुड़े 2,732 स्टार्टअप को DPIIT से मान्यता मिली है.
देश में हैं कितने यूनिकॉर्न
देश में 108 यूनिकॉर्न हैं जिनकी वैल्युएशन 340.80 बिलियन डॉलर है. बता दें कि ऐसी स्टार्टअप कंपनी जिनका वैल्युएशन 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा होता है उन्हें यूनिकॉर्न कहते हैं. साल 2011 में देश को इनमोबी नाम का पहला यूनिकॉर्न मिला था. 2021 में 93 बिलियन डॉलर के कुल वैल्युएशन वाले 44 यूनिकॉर्न थे. 2022 में 27 बिलियन डॉलर के कुल मूल्यांकन वाले 21 यूनिकॉर्न थे.
स्टार्टअप में छंटनी
Inc42 की इंडियन टेक स्टार्टअप फंडिंग रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय स्टार्टअप्स ने 2023 के पहले छह महीनों में 5.4 बिलियन डॉलर जुटाए थे, जो पिछले साल की समान अवधि के दौरान जुटाए गए करीब 19 बिलियन डॉलर की तुलना में 72 फीसद कम है. 2022 में स्टार्टअप्स ने 25 बिलियन डॉलर जुटाए थे, जो कि 2021 के 40 फीसद कम था. बता दें कि लागत को कम करने के लिए इन स्टार्टअप्स को छंटनी का सहारा लेना पड़ रहा है. 2022 से 107 भारतीय स्टार्टअप्स ने लगभग 28,046 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है.