टाटा समूह की कंज्यूमर कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लोकप्रिय भारतीय स्नैक फूड निर्माता हल्दीराम में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है. हल्दीराम ने इस सौदे के लिए अपना मूल्यांकन 10 अरब डॉलर आंका है. सूत्रों के मुताबिक टाटा कंज्यूमर इस मूल्यांकन पर हिस्सेदारी खरीदने के लिए तैयार नहीं है. अगर ये सौदा सफल होता है, तब टाटा कंज्यूमर सीधे तौर पर पेप्सी और अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा.
हल्दीराम भारत में एक जाना पहचाना नाम है. हल्दीराम अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए प्राइवेट इक्विटी फर्म बेन कैपिटल के साथ भी बातचीत कर रहा है. टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के पास अभी यूके की चाय कंपनी टेटली का स्वामित्व है. इसके अलावा उसके पास भारत में स्टारबक्स की मास्टर फ्रेंचाइजी भी है. एक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि टाटा समूह हल्दीराम की 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाहता है, लेकिन मूल्यांकन को लेकर दोनों कंपनियों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है.
यह सौदा टाटा के लिए एक बड़ा अवसर होगा. टाटा कंज्यूमर अभी एक चाय कंपनी के रूप में स्थापित है. हल्दीराम स्नैक मार्केट में एक लोकप्रिय नाम है और इसके पास एक बड़ी बाजार हिस्सेदारी है. टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रवक्ता ने कहा कि वह बाजार के अनुमानों पर कुछ नहीं कह सकते.
हल्दीराम के चीफ एग्जीक्यूटिव कृष्ण कुमार चूटानी और बेन कैपिटल दोनों ने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया. हल्दीराम की शुरुआत एक छोटी सी दुकान में 1937 में हुई थी. अपने चटपटे भुजिया के लिए इसे पूरे देश में जाना जाता है और इसका भुजिया 10 रुपए के पैक में हर छोटी-बड़ी दुकान पर बिकता है.
यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के मुताबिक भारत का स्नैक मार्केट करीब 6.2 अरब डॉलर का है. हल्दीराम की इस बाजार में हिस्सेदारी करीब 13 फीसदी है. पेप्सी, जो अपने लेज चिप्स के लिए विख्यात है, की बाजार हिस्सेदारी भी करीब 13 फीसदी है. हल्दीराम के स्नैक्स सिंगापुर और अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों में भी बेचे जाते हैं. हल्दीराम के करीब 150 रेस्टॉरेंट् हैं, जहां लोकल फूड, मिठाई और पश्चिमी व्यंजन बेचे जाते हैं.