Social Media Accounts Linking With ID Cards: फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार या सरकार की तरफ से जारी किये गए किसी भी पहचान पत्र से लिंक करने की कोई जरुरत नहीं है. सरकार ने इस तरह की योजना को सिरे से खारिज किया है. सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लोकसभा में प्रश्नकाल में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में ये जानकारी दी है.
लोकसभा सांसद फिरोज वरूण गांधी के सदन में सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्री से पूछे गए सवाल के जवाब में राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के सामने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का लगातार गुमनाम उपयोग हो रहा है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय किसी भी व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट्स को सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले पहचान पत्र के साथ लिंक करने के किसी प्रस्ताव पर काम नहीं कर रही है.
सोशल मीडिया अपराध से जुड़े रजिस्टर्ड मामलों और इसके निपटारे को लेकर किए गए सवाल के जवाब में राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सोशल मीडिया क्राइम से जुड़ा डेटा बेस एनसीआरबी अपने पास नहीं रखती है. हालांकि एनसीआरबी के मुताबिक फेक प्रोफाइल से जुड़े 2019 में 85, 2020 में 149 और 2021 में 123 साइबर क्राइम मामले रजिस्टर किए गए थे.सरकार का लक्ष्य डिजिटल नागरिक के लिए ओपेन,सेफ, भरोसेमंद और जवाबदेह इंटरनेट उपलब्ध कराना है.
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिनके भारत में 50 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर हैं उन्हें कानून पालन कराने वाले एजेंसियों के साथ 24*7 कोर्डिनेशन करने को लेकर विचार जरूर किया जा रहा है. इसके लिए एक ग्रीवांस ऑफिसर, एक चीफ कम्प्लायंस ऑफिसर और एक नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन नियुक्त करना जरूरी है. उन्होंने यह जानकारी दी कि यूजर्स के अपील करने के लिए सरकार ने आईटी रूल्स 2021 के तहत तीन जीएसी (Grievance Appellate Committees) स्थापित किए हैं, जहां सोशल मीडिया के ग्रीवांस ऑफिसर के फैसले के खिलाफ अपील की जा सकती है.