इन दिनों खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. दालों से लेकर मसाले और सब्जी तक हर चीज महंगी हो गई है. अब महंगाई की मार आपकी पसंदीदा कॉफी पर भी पड़ रही है. जिसके चलते आपका मुंह का स्वाद बिगड़ सकता है. दरअसल वैश्विक स्तर पर कॉफी बीन्स की कमी हो गई है. साथ ही भारत में बारिश के चलते इसके उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है. ऐसे में कॉफी के शौकीनों को इसकी चुस्की के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है.
भारत के अलावा ब्राजील और वियतनाम में इस बार कॉफी बीन्स की कम पैदावार के चलते घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में उछाल आया है. भारतीय कॉफी व्यापारी, जो आमतौर पर कर्नाटक के चिक्कमगलुरु से प्रीमियम बीन्स खरीदते हैं उन्होंने महंगाई की मार से बचने के लिए कॉफी के दाम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं. विक्रेताओं का कहना है कि सामान्य मिश्रित कॉफी, रोबस्टा और पीबेरी बीन्स की कीमत लगभग 580 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर लगभग 650 रुपए प्रति किलोग्राम तक हो गई है.
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक व्यापारियों का कहना है कि रोबस्टा बीन्स की कीमत में लगभग 50% की वृद्धि देखने को मिली है, वहीं अरेबिका बीन्स करीब 15 फीसदी महंगी हुई है. ये बढ़ोतरी आने वाले समय में भी जारी रह सकती है. यूं तो कॉफी की कीमतें आमतौर पर जनवरी में सालाना एडजस्ट की जाती हैं, लेकिन इस साल जुलाई में सभी उपलब्ध किस्मों की कीमत में 50 रुपए प्रति किलोग्राम की अतिरिक्त वृद्धि देखी गई है.
बारिश के चलते हुआ नुकसान
बेंगलुरु के व्यापारियों के मुताबिक ग्रीन कॉफी यानी कच्ची बीन्स के कारोबार में पिछले कुछ महीनों में उन्हें 30% से 40% का नुकसान हुआ है. यही वजह है कि कई छोटे कॉफी खुदरा विक्रेताओं ने दुकानें बंद कर दी हैं, जबकि कुछ दुकानदार सस्ती दरों पर खराब गुणवत्ता वाली फलियां खरीदकर बेच रहे हैं. चिक्कमगलुरु के कॉफी उत्पादक क्षेत्र में बारिश के चलते काफी नुकसान हुआ. पिछले वर्ष की तुलना में कॉफी की खेती में फूल खिलने के दिनों में बेमौसम बारिश के चलते उपज में 20% की कमी आई है. रोबस्टा बीन्स की कटाई का मौसम छह से सात महीने दूर है, और अगली फसल के बारे में अभी कुछ तय नहीं हैं. बता दें भारत के कॉफी उत्पादन में 70% का योगदान केरल और तमिलनाडु का है.