भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सोमवार को अपने डिजिटल रुपी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) में यूपीआई (UPI) इंटरऑपरेबिलिटी को लागू करने की घोषणा की है. एसबीआई की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, इस कदम से बैंक का मकसद अपने ग्राहकों को अभूतपूर्व सुविधा और पहुंच प्रदान करना है.
ई-रुपी बाय एसबीआई ऐप के माध्यम से ग्राहक इस अत्याधुनिक फीचर का लाभ उठा सकते हैं. ग्राहक बिना किसी परेशानी के किसी भी यूपीआई क्यूआर कोड को आसानी से ‘स्कैन’ करने में सक्षम होंगे और भुगतान कर पाएंगे. एसबीआई, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिजिटल ई-रुपी परियोजना में हिस्सा लेने वाले कुछ बैंकों में से एक है.
दिसंबर 2022 में आरबीआई की रिटेल डिजिटल ई-रुपि परियोजना में भाग लेने वाले कुछ बैंकों में से एसबीआई भी एक है. यूपीआई के साथ सीबीडीसी का निर्बाध एकीकरण बैंक के लिए एक महत्वपूर्ण छलांग है, जो रोजमर्रा के लेनदेन में डिजिटल रुपए की स्वीकृति और उपयोग को बढ़ावा देगा.
यह एकीकरण डिजिटल मुद्रा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक गेम चेंजर होगा. एसबीआई का यह कदम भातर को नकदी रहित अर्थव्यवस्था बनाने में डिजिटल इन्नोवेशन को आगे बढ़ाएगा. एसबीआई ने कहा है कि वह आधुनिक भुगतान प्रणाली के लिए सुरक्षित, कुशल और यूजर फ्रेंडली समाधान पेश करता रहा है और आगे भी करता रहेगा.
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी और बहुत अधिक उपयोग किए जाने वाले यूपीआई प्लेटफॉर्म के बीच अंतर को कम कर, एसबीआई का लक्ष्य भारत के भुगतान क्षेत्र में एक नई क्रांति लाना है. डिजिटल भुगतान क्षेत्र में इस कदम के साथ, भविष्य में सीबीडीसी के उपयोग को बढ़ावा मिलने का रास्ता भी तैयार हुआ है.