देश में एक गिग वर्कर की कमाई एक औसत शहरी पुरुष वेतनभोगी से थोड़ी कम है. वित्त वर्ष 2022 के आंकड़ों पर नजर डालें तो एक गिग वर्कर की औसत सैलरी जहां 18,611 रुपए थी, तो वहीं एक शहरी वेतनभोगी ने 21,500 से 22,800 रुपए की कमाई की. अगर ग्रामीण वेतनभोगी पुरुष की सैलरी देखें तो इस दौरान उसने 16 हजार से 16,500 रुपए तक की कमाई की. यह बात गिगपल्स के विश्लेषण में सामने आई है. यह एनालिसिस क्रिया यूनिवर्सिटी और कर्मा लाइफ और वित्त वर्ष 2012 के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल करीब 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि गिग वर्कर प्राथमिक कमाने वाला था. सर्वे मे यह पता चला कि गिग वर्करों में उनकी उम्र और शिक्षा के स्तर के अनुसार कमाई में परिवर्तनशीलता दिखाई देती है. वहीं पारंपरिक कामकाजी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की सैलरी उम्र के साथ बढ़ती है.
हाल ही में, थिंक टैंक पीपल रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी (PRICE) के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि करीब 70 प्रतिशत भारतीय परिवारों ने बैंकिंग साधनों पर पैसा बचाया है. हालांकि जिन घरों में प्राथमिक कमाई करने वाला व्यक्ति एक गिग वर्कर है, वहां पैसे बचाने की गुंजाइश कम है.
रिपोर्ट के अनुसार करीब 66 फीसद गिग वर्कस कभी भी पैसा अलग नहीं रखते हैं, जबकि 8 प्रतिशत वर्कर्स बचत की इच्छा रखते हैं, लेकिन वे इसे चुनौतीपूर्ण मानते हैं. वहीं जिन लोगों ने पैसा बचाया, उनमें से एक चौथाई ने अपने बच्चों की शिक्षा के लिए ऐसा किया, जबकि अन्य 25 प्रतिशत ने इमरजेंसी के लिए बचत की. वहीं रिटायरमेंट के लिए 8.8 प्रतिशत लोगों ने बचत की. रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि 80 प्रतिशत से अधिक ने अपना पैसा बैंक में रखा, वहीं एक कई लोगों ने अपना पैसा घर पर रखा. बीमा खरीद की बात करें तो 73 प्रतिशत के पास कोई बीमा नहीं है. 40 प्रतिशत ने कहा कि वे इसे खरीदने में सक्षम नहीं हैं.