लगातार कम हो रही महंगाई दर ने फिर से यू-टर्न लिया है. दालों के महंगा होने की वजह से जून के दौरान रिटेल महंगाई दर 3 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है. जून में उपभोक्ता महंगाई दर 4.81 फीसद दर्ज की गई, जबकि इससे पहले मई में यह आंकड़ा 4.31 फीसद रहा. हालांकि पिछले साल से तुलना की जाए तो महंगाई दर अब भी कम है. पिछले साल जून के दौरान रिटेल महंगाई दर 7 फीसद थी. बीते जून में सब्जियों की महंगाई निगेटिव जोन में रही है, लेकिन इसके बावजूद रिटेल महंगाई बढ़ गई है. जुलाई की शुरुआत से देशभर में सब्जियां महंगी हुई हैं जिसमें टमाटर का बड़ा रोल है और इसका असर जुलाई के रिटेल महंगाई आंकड़ों में दिखेगा.
जून के दौरान महंगाई को बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान अनाज, मसाले, दालों और दूध का रहा है. अभी तक दालों की महंगाई नियंत्रण में थी लेकिन जून के दौरान उनकी महंगाई का आंकड़ा 10 फीसद के पार पहुंच गया है. इसके अलावा अनाज की महंगाई 12.71 फीसद, मसालों की महंगाई 19.19 फीसद और दूध की महंगाई 8.56 फीसद रही. जून में खाद्य उत्पादों की महंगाई 4.49 फीसद दर्ज की गई थी, जबकि मई में यह आंकड़ा 2.96 फीसद था. रिटेल महंगाई में खाने-पीने की चीजों का वेटेज करीब आधा होता है.
बता दें कि जून में रिटेल महंगाई बढ़ने के बाद भी ये RBI के 6 फीसद के संतोषजनक स्तर से नीचे बनी हुई है. सरकार ने RBI को रिटेल महंगाई को दो फीसद की घट-बढ़ के साथ 4 फीसद तक सीमित रखने का जिम्मा सौंपा हुआ है. RBI ने जून की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर को 6.5 फीसद पर कायम रखा था और साथ ही अप्रैल-जून तिमाही में रिटेल महंगाई के 5.6 फीसद रहने का अनुमान जताया था. इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग और खनन क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन की वजह से देश में औद्योगिक उत्पादन मई 2023 में 5.2 फीसद बढ़ गया है. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान औद्योगिक 4.8 फीसद की बढ़ोतरी हुई है, जो 2022 की इसी तिमाही में 12.9 फीसद रही थी.