टमाटर रुला रहा, अब सेब की बारी

हर साल कश्मीर में 21-29 लाख टन सेब का उत्पादन होता है.

टमाटर रुला रहा, अब सेब की बारी

उत्तर भारत में हुई भारी बरसात की वजह से सब्जियों की महंगाई आसमान पर पहुंच गई है. बारिश का असर अब सेब के उत्पादन पर भी देखने को मिलेगा. हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में पिछले हफ्ते हुई बरसात ने सेब के बागानों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है. इसके बाद अब इन राज्यों में सेब का उत्पादन घटकर आधा रह सकता है. यह चिंताजनक इसलिए है क्योंकि देश के इन्हीं दो राज्यों में सेब का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. ऐसे में माना जा है आगामी सीजन में सेब आम आदमी की पहुंच से दूर हो सकता है.

देश में 75 फीसद के साथ सेब का सबसे ज्यादा उत्पादन कश्मीर घाटी में होता है. हर साल कश्मीर में 21-29 लाख टन सेब का उत्पादन होता है. कश्मीर के सेब उत्पादकों ने कहा है कि इस साल मूसलाधार बारिश के कारण इस सीजन में उनका उत्पादन साल भर पहले के सीजन के आधे से भी कम होगा. बागवानों के अनुसार भारी बारिश के कारण हुए नुकसान की वजह से हिमाचल प्रदेश में भी इस सीजन में सेब का उत्पादन आधा रहने की आशंका है. उत्पादन आधा होने की वजह से सेब की महंगे होने की आशंका बढ़ गई है.

बारिश ने बढ़ाए सब्जियों के दाम
टमाटर के बाद अब शिमला मिर्च, भिंडी, बैंगन और लौकी की कीमतों में जोरदार उछाल देखा गया है. बीते एक हफ्ते के दौरान दिल्ली की आजादपुर मंडी में शिमला मिर्च का भाव 3 गुना से ज्यादा बढ़ा है. चार जुलाई को आजादपुर मंडी में शिमला मिर्च का थोक भाव 24 रुपए किलो था. जो 13 जुलाई को बढ़कर 80 रुपए किलो हो गया है. इस दौरान बैंगन की कीमतों में 48 फीसद बढ़ोतरी हुई है और भिंडी का भाव 36 फीसद बढ़ा है. लौकी समेत रोजमर्रा की सब्जियां 70 रुपये प्रति किलो बिक रही हैं.

Published - July 14, 2023, 07:37 IST