रेलवे कर्मचारियों के संगठन एनएफआईआर, यूआरएमयू और अन्य महासंघ साथ मिलकर नई पेंशन योजना (NPS) के खिलाफ 10 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली करेंगे. देशभर के अन्य संगठनों के कर्मचारी भी इसमें शामिल होंगे.
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) के महासचिव एम रघुवैया और उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) के महासचिव बी सी शर्मा ने कहा कि रेल कर्मचारियों समेत विभिन्न महासंघों/संघों के साथ नई पेंशन योजना के खिलाफ महारैली का आयोजन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस दौरान राज्य सरकारों व रक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधि, डॉक्टर, शिक्षक आदि शामिल होंगे. एक बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने कहा, ”हमारी मांग है कि जो पुरानी पेंशन लाएगा, वहीं वोट पायेगा. जो भी पार्टी अपने घोषणा-पत्र में यह मुद्दा लाएगी, उसी पार्टी को हम लोग समर्थन देंगे.”
रघुवैया ने कहा कि विभिन्न महासंघों/संघों के साथ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें देशभर से रेल कर्मचारी शामिल होंगे. इस मौके पर संयुक्त मंच की ओर से NPS के खिलाफ और ओपीएस की बहाली के लिए भविष्य में तीव्र संघर्ष का कार्यक्रम घोषित किया जा सकता है.
आपको बता दें कि देश में 1 एक अप्रैल, 2004 से जो सरकारी कर्मचारी भर्ती हुए हैं वह न्यू पेंशन सिस्टम के दायरे में हैं. हालांकि इसमें रक्षा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारी शामिल नहीं हैं. मौजूदा NPS में कर्मचारियों को बेसिक सैलेरी का 10 फीसदी हिस्सा जमा करना होता है और इसमें 14 फीसदी योगदान सरकार देती है. इसके बाद रिटर्न कुल कॉरपस पर मिलने वाले मार्केट रिटर्न्स पर निर्भर करता है.
अभी NPS के सदस्य की 60 साल पूरे होने पर सेवानिवृत्ति कोष का 60 प्रतिशत तक टैक्स फ्री एकमुश्त राशि के रूप में निकाल सकते हैं, जबकि बचे 40 फ़ीसदी से हिस्से से ‘एन्यूटी’ खरीदनी होगी जिससे व्यक्ति को हर साल निश्चित राशि भुगतान की जाएगी. इस व्यवस्था में कितनी पेंशन मिलेगी, इस बात की कोई गारंटी नहीं है. इसी वजह से सरकारी कर्मचारी लामबंद होकर NPS का विरोध कर रहे हैं.