आयुष्मान भारत से जुड़े अस्पतालों को लेकर एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. दरअसल, आयुष्मान भारत के तहत सूचीबद्ध किए गए तीन में से एक अस्पताल निष्क्रिय हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि गरीबों के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत मुफ्त इलाज कैसे हो पाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों से पता चला है कि 2018 में आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना यानी PM-JAY लॉन्च होने के बाद से इसके तहत सूचीबद्ध किए गए 27 हजार अस्पतालों में से सिर्फ 18,783 अस्पताल सक्रिय है. वहीं 4,682 अस्पताल ऐसे हैं जो शुरू से ही निष्क्रिय रहे हैं, इन अस्पतालों ने PM-JAY के लाभार्थियों का कोई भी इलाज नहीं किया है.
आंकड़ों के मुताबिक पिछले 6 महीने में PM-JAY से जुड़े 3,632 अस्पताल निष्क्रिय हो गए हैं जिससे कुल निष्क्रिय अस्पतालों की संख्या बढ़कर 8,314 अस्पताल हो गई है. बता दें कि PM-JAY के तहत देशभर में 15,000 प्राइवेट और 12,000 सरकारी सूचीबद्ध अस्पतालों के नेटवर्क के जरिए से गरीब और कमजोर परिवारों को मुफ्त और कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है. योजना के तहत 107.4 मिलियन से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों (करीब 500 मिलियन लाभार्थी) को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त हेल्थ कवर मिलता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण यानी एनएचए के द्वारा इस योजना को लागू और क्रियान्वित किया जा रहा है.
आंध्रप्रदेश में सबसे ज्यादा निष्क्रिय अस्पताल
हाल के दिनों में राज्य के स्वास्थ्य प्रशासन के द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में अस्पतालों को सक्रिय करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं. हालांकि अगर कोई अस्पताल पैनल में शामिल होने के 6 महीने के भीतर एक भी प्री अथॉराइजेशन जुटाने में विफल रहता है, तो ऐसे अस्पतालों को पैनल से हटाने के लिए कड़े दिशानिर्देश बनाए गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक आंध्रप्रदेश में योजना से जुड़े निष्क्रिय अस्पतालों की संख्या सबसे ज्यादा है, वहां कुल 2,659 अस्पतालों में से 1,232 निष्क्रिय हैं. उसके बाद राजस्थान का नंबर आता है, वहां पर 1,372 अस्पतालाों में से 932 अस्पताल निष्क्रिय हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश निष्क्रिय अस्पतालों की संख्या कम है और वहां पर 3,519 में से सिर्फ 297 अस्पताल निष्क्रिय हैं.