क्या असफल हो रही है सबको घर देने की योजना?

देश के 12 राज्य ऐसे हैं जहां पर 50% परिवार ऐसे घरों में रह रहे हैं जिनका कच्चा फर्श है और छत भी टूटे-फूटे हैं.

क्या असफल हो रही है सबको घर देने की योजना?

नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक जहां देश में 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, वहीं एक कड़वी सच्चाई ये भी है कि देश के कई राज्यों में 50% से ज्यादा परिवारों के पास उचित घर नहीं हैं.

देश में हाउसिंग फॉर ऑल योजना को लॉन्च हुए करीब 8 साल हो चुके हैं. 2015 में सरकार ने पीएम आवास योजना शुरू की थी. लेकिन इसके बावजूद देश के 12 राज्य ऐसे हैं जहां पर 50% परिवार ऐसे घरों में रह रहे हैं जिनका कच्चा फर्श है और छत भी टूटेफूटे हैं. जिन राज्यों में इस तरह के ज्यादा घर हैं उनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे बड़े राज्य शामिल हैं. साथ ही मणिपुर और त्रिपुरा जैसे छोटे राज्य भी इस फेहरिस्त में आते हैं. नीति आयोग कमल्टी डायमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स की रिपोर्ट (National Multidimensional Poverty Index: A progress review 2023) में ये तमाम जानकारी दी गई है.

घटी है गरीबी

रिपोर्ट के देश में अलगअलग पैमाने (कुल 12 इंडीकेटर) गरीबी मापी गई. रिपोर्ट के मुताबिक इस बहुआयामी गरीबी (multidimensional poverty) से 13 करोड़ से ज्यादा लोग बाहर निकले हैं.

जमीनी सच्चाई क्या है?

लेकिन इसी रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि देश के 12 राज्यों में अब भी आधे से ज्यादा परिवारों के पास रहने की सही व्यवस्था नहीं है. इन राज्यों में मणिपुर में स्थिति सबसे बुरी है, जहां 75% से ज्यादा (75.5) परिवारों के पास उचित घर नहीं है. ये आंकड़े 2019-21 के बीच के है. कुल आबादी के हिसाब से देखें तो 41% (41.37) से ज्यादा लोगों के पास सही घर की व्यवस्था नहीं हैं.

इन आंकड़ों से पीएम आवास योजना की सफलता पर सवाल खड़े होते हैं. इस क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना का उद्देश्य निम्नआय वर्ग (LIG), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और मध्यम आय समूह (MIG) को कम कीमत पर घर उपलब्ध कराना है. इस योजना का लक्ष्य मार्च 2022 तक लगभग 2 करोड़ घरों का निर्माण करना रखा गया था. लेकिन बाद में लक्ष्य और समयसीमा दोनों बदल दी गईं. अब 2024 तक 2.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है.

Published - July 20, 2023, 05:32 IST