टमाटर के बाद अब रुलाएगा प्‍याज

प्याज की खुदरा कीमतें लगभग दो वर्षों में पहली बार बढ़नी शुरू हो गई है

टमाटर के बाद अब रुलाएगा प्‍याज

टमाटर, हल्दी और जीरा जैसे मसालों के बाद अब प्‍याज की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है. प्‍याज के प्रमुख उत्‍पादक राज्‍यों जैसे- महाराष्‍ट्र और कर्नाटक में मानसून के देर से आने और खरीफ की बुआई प्रभावित हाने से प्याज की खुदरा कीमतें लगभग दो वर्षों में पहली बार बढ़नी शुरू हो गई है. प्याज की महंगाई दर जो 2021 से नेगेटिव जोन में थी, अब जून 2023 में बढ़कर 1.65% पर आ गई है.

महाराष्ट्र और कर्नाटक में अप्रैल में बे-मौसमी बारिश के कारण स्‍टोर की गई रबी फसलों में नमी की मात्रा बढ़ गई है. जिसकी वजह से सब्जियों की शेल्फ-लाइफ कम हो गई है, इससे सितंबर तक ई-आपूर्ति में कमी की आशंका पैदा हो गई है. महाराष्ट्र के लासलगांव में सोमवार को प्‍याज की बेंचमार्क कीमतें 1350 रुपए प्रति क्विंटल थीं, जो एक दिन पहले 1250 रुपए प्रति क्विंटल थीं. वहीं अगर पिछले दो महीने की कीमत पर नजर डाले तो यह महज 950 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास थी. उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार, प्याज की खुदरा कीमतें मंगलवार को बढ़कर 25 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई हैं, जो एक महीने पहले 20 रुपए प्रति किलोग्राम थी.

मनमर्द (महाराष्ट्र) मंडी बोर्ड के पूर्व निदेशक और प्याज किसान बालासाहेब मिसाल का कहना है कि कीमतें बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि नासिक, पुणे और अहमदनगर जिलों में मानसून की बारिश पर्याप्त नहीं होने के कारण खरीफ फसल कम होने की संभावना है. वहीं इस बारे में पुणे स्थित कृषि क्षेत्र के विश्लेषक का कहना है कि प्रमुख उत्पादक जिलों में मानसून के देर से आने के कारण महाराष्ट्र में खरीफ की बुआई पिछड़ रही है.

नमी के चलते प्‍याज का स्‍टॉक रखना मुश्किल
आमतौर पर प्याज की कटाई अप्रैल-जून के दौरान की जाती है, जो देश के प्याज उत्पादन का लगभग 65% है और अक्टूबर-नवंबर से खरीफ फसल की कटाई तक उपभोक्ता की मांग को पूरा करता है. मगर नमी की मात्रा अधिक होने के कारण खरीफ की कटाई वाले प्याज का भंडारण यानी स्‍टॉक करना मुश्किल हो गया है. सूत्रों के अनुसार सरकार चालू रबी सीजन में किसानों से खरीदा गया लगभग 0.3 मिलियन टन (एमटी) प्याज सही समय पर बाजार में बेच सकती है.

जानिए सरकार ने कितना खरीदा प्‍याज?
सरकार ने साल 2022-23 में बफर स्टॉक के लिए 0.25 मीट्रिक टन प्याज खरीदा था, जबकि पिछले वर्ष बफर स्टॉक के रूप में 0.2 मीट्रिक टन प्याज खरीदा गया था. वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के दौरान प्याज का अनुमानित उत्पादन पिछले वर्ष के 31.7 मीट्रिक टन के मुकाबले मामूली गिरावट के साथ 31.01 मीट्रिक टन रह गया है.

भारत ने 2022-23 में रिकॉर्ड 2.5 मीट्रिक टन प्याज का निर्यात किया था, जो पिछले वित्त वर्ष से 65% अधिक है. बता दें भारत प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक है और देश के उत्पादन में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात की हिस्सेदारी 70% से अधिक है.

Published - August 2, 2023, 12:59 IST