भारत सरकार की ओर से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद से अमेरिका और कनाडा में रह रहे भारतीय प्रवासी (NRIs) चावल खरीदने में जुट गए हैं. इसके चलते वहां की किराने की दुकानों में लंबी लाइनें लग गई है. भारतीय घबराहट में आकर ज्यादा चावल की बोरियां खरीदने की कोशिश कर रहे हैं. चावल खरीदने वालों में दक्षिण भारतीयों की संख्या ज्यादा है.
भारतीय लंबे समय के लिए पर्याप्त मात्रा में चावल का स्टॉक खरीदने की कोशिश कर रहे हैं. दुकानों में लगी भीड़ की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं. मसूरी किस्म के चावल के शौकीन दक्षिण भारत के एनआरआई भविष्य में चावल न मिलने को लेकर काफी चिंतित हैं. हालांकि कुछ एनआरआई ने सोशल मीडिया पर हड़बड़ाहट में आकर चावल खरीदने की होड़ की आलोचना कर रहे हैं. कई यूजर्स ने लिखा कि, “वे चावल जमा नहीं कर सकते. उन्हें दूसरों के बारे में सोचना चाहिए”.
इस वजह से सरकार ने उठाया कदम
केंद्र सरकार ने बाजार में चावल की बढ़ती कीमतों को कम करने और खरीफ बुआई की अच्छी प्रगति न होने के चलते इस सप्ताह के शुरुआत में गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. सरकार के इस कदम से वैश्विक बाजारों में चावल की कीमतों में वृद्धि देखने को मिली है.
भारत है चावल का सबसे बड़ा निर्यातक
दुनियाभर में भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है. पूरी दुनिया के मुकाबले करीब 40 फीसद चावल भारत से ही एक्सपोर्ट होता है. दुनिया के 150 से ज्यादा देश भारत से चावल खरीदते हैं और भारत से निर्यात होने वाले चावल में अधिकतर हिस्सेदारी गैर बासमती चावल की है. वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान भारत से करीब 223 लाख टन चावल का निर्यात हुआ है जिसमें लगभग 178 लाख टन गैर बासमती चावल था.
Published - July 22, 2023, 03:56 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।