अगर आप स्मोकिंग छोड़ना चाहते हैं और निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी यूज करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए एक बड़ी खबर है. निकोटीन गम और पैच समेत निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT) को लेकर सरकार कदम उठाने पर विचार कर रही है. सरकार 2 मिलीग्राम और 4 मिलीग्राम तक निकोटीन वाले सभी फॉर्मूलेशन की बिक्री के लिए प्रिस्क्रिप्शन यानी डॉक्टर के पर्चे को अनिवार्य कर सकती है. सरकार की योजना निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी के गलत इस्तेमाल को रोकना है. ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) इस मामले को लेकर बैठक भी कर चुका है.
निकोटिन की बिक्री पर लग सकती है रोक
गौरतलब है कि नवंबर 2018 में डीटीएबी ने 2 मिलीग्राम निकोटीन वाले सभी निकोटीन फॉर्मूलेशन के लिए छूट देने वाले नियमों में संशोधन करने की बात कही थी. इसके लिए विभाग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को अनुबंध भेजा था. इसमें सभी निकोटीन रिप्लेसमेंट थैरेपी को ओटीसी बिक्री के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई थी. ओटीसी बिक्री में दवाओं को खरीदने के लिए डॉक्टर के पर्चे की जरूरत नहीं पड़ती है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने की जांच
स्वास्थ्य मंत्रालय के तंबाकू नियंत्रण प्रभाग (टीसीडी) ने इसकी विस्तृत जांच की और कहा कि इस छूट से धूम्रपान छोड़ने वालों को दिक्कत हो सकती है. यह निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी तक पहुंच बढ़ सकती है और खतरा पैदा कर सकती है. दरअसल, नशा छुड़वाने के लिए तंबाकू की जगह निकोटीन की सलाह दी जाती है. एनआरटी में निकोटीन पैच, कैंडी, च्युइंग गम, , इनहेलर, नेजल स्प्रे का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल, इससे इंसान का ध्यान नशे से हटता है.
भारत में एनआरटी का बाजार मजबूत
औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 की अनुसूची के में दिए गए प्रावधानों के अनुसार, 2 मिलीग्राम तक निकोटीन मिला गम और लोजेंज को बिक्री लाइसेंस से छूट दी गई है. यानी इन्हें खरीदने के लिए किसी रजिस्टर्ड डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं है. वर्तमान में, 2 मिलीग्राम के लिए डॉक्टर के पर्चे की जरूरत नहीं होती जबकि 4 मिलीग्राम के लिए डॉक्टर के पर्चे की जरूरत होती है. साल 20219 में भारत सरकार ने ई-सिगरेट के उत्पादन, आयात,निर्यात, बिक्री, भंडारण सभी पर रोक लगा दिया था. लेकिन बैन के बावजूद लगातार 18 साल से कम वालों को भी धड़ल्ले से निकोटिन बेचा जा रहा है. भारत में एनआरटी करीब 200 करोड़ रुपए का बाजार है जो 10 फीसदी की मजबूती से आगे की तरफ बढ़ रहा है.