सिम के जरिए होने वाली धोखाधड़ी और फ़िशिंग पर लगाम लगाने के मकसद से दूरसंचार विभाग (DoT) ने नियम कड़े कर दिए हैं. इसके तहत अब टेलीकॉम ऑपरेटरों को ग्राहकों का नामांकन करने से पहले प्रत्येक प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) इकाई को सत्यापित और पंजीकृत करना होगा. इस दौरान कुछ जरूरी दस्तावेज भी जमा करने होंगे. टेलीकॉम ऑपरेटर और पीओएस को एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा और पुलिस वेरिफिकेशन भी कराना होगा. नए निर्देश 10 अक्टूबर 2023 से लागू होंगे. निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करने पर PoS संस्थाओं को अनुबंध खत्म कर दिया जाएगा.
डॉट ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अधिसूचना में कहा है कि कई बार यह पाया गया है कि कभी-कभी धोखेबाज प्वाइंट ऑफ सेल की मिलीभगत से मोबाइल कनेक्शन ले लेते हैं और उनका दुरुपयोग करते हैं. ऐसे में पीओएस संस्थाओं जैसे- फ्रेंचाइजी, एजेंट, वितरक के जरिए सेवाएं दिए जाने के प्रावधान को बेहतर बनाया गया है. अब ग्राहकों के नामांकन से पहले पीओएस को सत्यापित और रजिस्ट्रेशन कराना होगा. सत्यापन प्रक्रिया के लिए पीओएस इकाई को कॉर्पोरेट पहचान संख्या या व्यवसाय लाइसेंस, पीओएस के प्रतिनिधि का आधार या पासपोर्ट, काम करने की जगह का पता और पीओएस का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति का स्थानीय आवासीय पता जैसे विभिन्न दस्तावेज जमा करने होंगे. पीओएस के प्रतिनिधि को बायोमेट्रिक्स के जरिए भी प्रमाणिकता पेश करनी होगी. वे चाहे तो आधार के माध्यम से ई-केवाईसी से भी सत्यापन कर सकते हैं.
इन जगहों में कराना होगा पुलिस वेरिफिकेशन
सत्यापन के अलावा टेलीकॉम ऑपरेटर और पीओएस को एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे. जिसमें ग्राहकों के नामांकन, संचालन के क्षेत्र और समझौते के उल्लंघन के लिए दंडात्मक कार्रवाई से संबंधित खास प्रावधान शामिल होंगे. DoT के नियम के अनुसार अगर पीओएस इकाइयां जम्मू-कश्मीर, असम और उत्तर पूर्व लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्रों (LSAs) में हैं तो उन्हें समझौते से पहले PoS का पुलिस सत्यापन भी कराना होगा. प्रत्येक पीओएस को एक यूनीक पीओएस आईडी दी जाएगी और केवल वैध पीओएस आईडी वाले ही ग्राहकों को नामांकित करने की अनुमति दी जाएगी. टेलीकॉम ऑपरेटरों को सिम कार्ड की एक ऑनलाइन सप्लाई मैनेजमेंट सिस्टम को बनाए रखने की भी जरूरत होगी.
नियम के उल्लंघन पर होगी ये कार्रवाई
DoT की ओर से निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करने पर PoS संस्थाओं का अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा. उनकी PoS आईडी को टेलीकॉम कंपनियों की ओर से 24 घंटे में समाप्त और ब्लॉक किया जाएगा. कोई भी लाइसेंसधारी अगर 30 सितंबर के बाद गैर रजिस्टर्ड पीओएस से ग्राहकों का नामांकन करता है, उस पर प्रति पीओएस करीब 10 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा.