महिंद्रा एंड महिंद्रा बहुत जल्द ईवी मार्केट में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहती है. इसके लिए वो अपनी ईवी यूनिट लगाना चाहती है जिसके लिए उसे पांच हजार करोड़ रुपए की जरूरत है. इस जरूरत को पूरा करने के लिए कंपनी, ब्रिटिश इंटरनेशनल इनवेस्टमेंट (BII) समेत कुछ और ग्लोबल इनवेस्टर्स के साथ बातचीत कर रही है ताकि वो इस प्रोजेक्ट में निवेश करें. अगर ये चर्चा सफल रहती है तो BII, महिंद्रा में दूसरे दौर का निवेश करेगा. इससे पहले जुलाई 2022 में BII ने महिंद्रा इलेक्ट्रिक के साथ समझौता किया था.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस नई डील का वैल्यूएशन पिछली फंडिंग से 10-15 फीसद अधिक रह सकता है. जुलाई 2022 में BII ने महिंद्रा इलेक्ट्रिक में 1925 करोड़ का निवेश किया था. इसके बदले BII को कंपनी के कुछ शेयर दिए गए थे. महिंद्रा की ओर से एक प्रवक्ता ने कहा कि हमने फंड जुटाने के लिए किसी बैंकर को नियुक्त नहीं किया है लेकिन हमारा EV कारोबार निवेशकों को आकर्षित कर रहा है.
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया है कि महिंद्रा का वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2027 के बीच तेलंगाना में इलेक्ट्रिक तिपहिया और चार पहिया वाहन बनाने के लिए एक विनिर्माण केंद्र स्थापित करने का प्लान है. इसके लिए लगभग 10,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की रूपरेखा तैयार की गई है. इसके साथ ही कंपनी अप्रैल से अक्टूबर, 2025 के बीच 5 नए EV मॉडल लॉन्च करने की तैयारी कर रही है.
जल्द दिख सकते हैं थार और स्कॉर्पियो के EV वर्जन
महिंद्रा को उम्मीद है कि उसके कुल SUV पोर्टफोलियो में वित्तवर्ष 2027 तक EV की हिस्सेदारी 20-30 फीसद हो जाएगी. महिंद्रा के ऑटो और फार्म सेक्टर के CEO राजेश जेजुरीकर ने कहा कि अगले छह से सात सालों में दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ती दिख रही है. जब लोग अपने वाहनों को शहर से बाहर ले जाएं तब उन्हें चार्जिंग आदि को लेकर कोई चिंता न करनी पड़े. जब ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हो जाएगा तब बेशक हमारे प्रोडक्ट (EV-SUV) बड़ी सफलता हासिल करेंगे.
अगर ऐसा हुआ तो कंपनी की कई प्रसिद्ध SUV जिनमें थार और स्कॉर्पियो शामिल हैं, जल्द ही EV रूप में भी दिखाई दे सकती हैं.