ग्लोबल स्तर के पर्सनल कंप्यूटर निर्माताओं समेत करीब 44 आईटी हार्डवेयर कंपनियों ने भारत में लैपटॉप, टैबलेट और पीसी बनाने के लिए पंजीकरण कराया है. एक अधिकारी ने कहा कि सरकार के इस फैसले से देश में आईटी हार्डवेयर विनिर्माण में उस सफलता को दोहराने की उम्मीद है, जो पीएलआई योजना के तहत मोबाइल फोन विनिर्माण में मिली थी.
सरकार ने 17,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के तय की है. काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसार जून 2023 तिमाही में पीसी सेक्शन में लेनोवो, एचपी, डेल, एप्पल और एसर शीर्ष पांच कंपनियां थीं. भारत में कुल लैपटॉप और पीसी बाजार सालाना आठ अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है. इसमें लगभग 65 प्रतिशत यूनिट्स आयात की जाती हैं.
सरकार ने लैपटॉप, कम्प्यूटर और टैबलेट के आयात पर रोक लगाने के फैसले को 31 अक्टूबर तक टाल दिया है. ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां तीन महीने तक लाइसेंस के बिना इन उपकरणों का आयात कर सकेंगी. अब इन कंपनियों को एक नवंबर से लैपटॉप और कम्प्यूटर का आयात करने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना होगा. सरकार ने एक दिन पहले ही इन उपकरणों के आयात के लिए लाइसेंस को जरूरी कर दिया था.
आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि लाइसेंस के आधार पर आयात की मंजूरी देने से केंद्र सरकार इसपर नजर रख पाएगी कि भारत में किस देश में निर्मित लैपटॉप एवं टैबलेट आ रहे हैं. इससे सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान करने में मदद मिलेगी. साथ ही इस कदम से घरेलू विनिर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा.