साल की शुरुआत में बड़े पैमाने पर आईटी जगत में छंटनी की गई थी. अमेरिका से लेकर भारत में बहुत से लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी, मगर अब छंटनी में गिरावट आई है. हालांकि अभी भी कंपनियां नई भर्तियां करने के मूड में नहीं हैं. कंपनियां इस पर अपना फोकस रखेंगी कि मौजूदा क्षमता में कैसे बेहतर काम किया जा सके. इस दौरान महज स्पेशल स्किल्स वाले योग्य कर्मचारियों की ही भर्ती की जाएगी.
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक आईटी कंपनियों के दिग्गजों का कहना है कि मांग में कमी और दूसरे कारणों के चलते उत्पादों और तकनीकी सक्षम स्टार्टअप के पूरे तकनीकी समूह पर दबाव पड़ रहा है. राहत की बात यह है कि प्रौद्योगिकी की मांग अभी भी मार्केट में बरकरार है, लेकिन नई चीजों को लेकर अभी रास्ता साफ नहीं है. नतीजतन इंडस्ट्री की ग्रोथ अभी धीमी है.
रिपोर्ट के अनुसार डेलॉयट इंडिया के एक अधिकारी का कहना है कि बड़ी संख्या में छंटनी खत्म हो गई है. दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती स्थिरता और मंदी के जोखिमों को कम करने के लिए ज्यादातर कंपनियों ने अपने मौजूदा कार्यबल का सही प्रयोग किया है. इस बारे में नैसकॉम की अधिकारी का कहना है कि स्टार्टअप में फंडिंग के मुद्दों के कारण छंटनी हुई थीं, इसे छोड़कर चीजें काफी हद तक सामान्य हैं.
छंटनी में आई गिरावट
रिपोर्टों के अनुसार, साल के पहले सात महीनों में अमेरिका में दिग्गज आईटी कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी की गई थी, जिनमें अब गिरावट आई है. जनवरी में जहां ये आंकड़ा 90,000 था, वहीं अब जुलाई में ये लगभग 10,000 हो गई है. आईटी कंपनी सिस्को, जिसने पिछले महीने छंटनी की थी, उसका कहना है कि यह कदम नवंबर में तैयार किए गए रिस्ट्रक्चरिंग प्लान का हिस्सा थी. वहीं नई भर्ती को लेकर कंपनी का मानना है कि कम से कम अभी कुछ समय के लिए, नियुक्ति की मात्रा वित्त वर्ष 2021 या वित्त वर्ष 2022 जैसी देखने को नहीं मिल सकती है.