भारतीय चीनी मिल संघ का अनुमान है कि 2023-24 के सत्र में चीनी उत्पादन 3.41 प्रतिशत घट सकता है. अक्टूबर 2023 से नया चीनी सत्र शुरु होगा. ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि इस सत्र में चीनी का उत्पादन 3.41 फीसद घटकर 316.80 लाख टन रह जाएगा. भारतीय चीनी मिल संघ यानी इस्मा का ये मानना है कि एथनॉल उत्पादन के लिए गन्ने का इस्तेमाल बढ़ेगा. इस वजह से चीनी बनाने के लिए गन्ने की कमी होगी.
साफ है कि अगर चीनी का उत्पादन घटेगा तो इसकी मांग बढ़ सकती है और इन वजहों से चीनी के रेट्स में भी इजाफा हो सकता है. हालांकि ये अभी कहना कठिन है कि चीनी के दामों में कब से और कितना इजाफा हो सकता है.
चालू सत्र यानी 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन 328 लाख टन रहने का अनुमान है. इस्मा ने शुरुआती अनुमान जारी करते हुए कहा कि सत्र 2023-24 में करीब 45 लाख टन चीनी उत्पादन को एथनॉल के लिए ट्रांसफर किया जाएगा. चालू सत्र में ये मात्रा 41 लाख टन है.
हालांकि इस्मा ने ये भी कहा कि 2023-24 में चीनी का उत्पादन घरेलू खपत से अधिक होगा जो 275 लाख टन है. सीजन के अंत में 42 लाख टन चीनी सरप्लस बच जाएगी. 2023-24 के सत्र में गन्ने का क्षेत्रफल 59.81 लाख हेक्टेयर है जो पिछले सत्र के 59.07 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक है. हालांकि इस्मा के मुताबिक कर्नाटक और तमिलनाडु में गन्ने की खेती का क्षेत्रफल कम बना हुआ है.
एक अगस्त 2023 को इस्मा की बैठक में देशभर के चीनी उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. इसी बैठक के बाद 2023-24 सत्र के लिए प्रारंभिक अनुमान जारी किए गए. ये अनुमान सामान्य हालातों को ध्यान में रखकर लगाया गया है. हाल ही में इस्मा ने सरकार से एथनॉल का मूल्य बढ़ाकर 69.85 रुपए प्रति लीटर करने को कहा है. अभी ये दाम 65.61 प्रति लीटर है.