रेलवे जल्द ही कम आय वाले यात्रियों के लिए लंबी दूरी की नॉन AC ट्रेनों को शुरू कर सकता है. इन ट्रेनों को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, बंगाल और झारखंड जैसे इलाकों से दिल्ली, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, बंग्लुरू, चेन्नई और पंजाब के कुछ हिस्सों में काम के लिए आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए चलाया जाएगा. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक इन ट्रेनों को अगले लोकसभा चुनाव से पहले शुरू किया जा सकता है. इसके अलावा रेलवे अब जनरल कोच के यात्रियों को किफायती कीमत पर खाना भी मुहैया कराएगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वेटिंग लिस्ट वाले टिकटों के पैटर्न और ज्यादातर यात्रियों के गंतव्य के आकलन के बाद ट्रेनों के लिए रूट तय किए गए हैं. बता दें कि कोविड-19 के प्रकोप के बाद रेलवे को बड़े शहरों से प्रवासी मजदूरी को उनके घर वापस भेजने के लिए इन रूट्स पर सैकड़ों स्पेशल श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाना पड़ा था. ऐसे में इन इलाके के मजदूरों और कम आय वाले यात्रियों की सहूलियत के लिए नई ट्रेनें शुरू की जा रही हैं.
अपग्रेड किए जाएंगे कोच
रेलवे अधिकारी का कहना है कि ट्रेनों के कोच को भी अपग्रेड किया जा रहा है. इससे यात्रा ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित बनेगी. ट्रेनों में अगले तीन साल में शेष 20,000 पुराने (आईसीएफ) कोचों को एलएचबी कोचों से बदलकर इसे बेहतर बनाएगा. अगले 4-5 साल में सभी कोचों में यात्रियों के गिरने जैसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए “प्लग दरवाजे” लगाए जाएंगे. ये दरवाजे जब पूरी तक से बंद होंगे, ट्रेनें तभी चल पाएगी. हालांकि दुर्घटना या आपातस्थिति में ट्रेन में ऐसा सिस्टम होगा कि दरवाजे अपने आप खुल जाएंगे.
मिलेगा सस्ता खाना
भारतीय रेलवे अब जनरल कोच के यात्रियों को किफायती कीमत पर खाना उपलब्ध कराएगा. सस्ता खाना प्लेटफार्म पर इन कोचों के पास स्थित सेवा काउंटरों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा. यात्रियों को यह सुविधा दो कैटेगरी में मिलेगी. पहली कैटेगरी इकोनॉमी होगी, जिसकी कीमत 20 रुपए होगी. इसमें सूखे आलू और अचार के साथ सात पूरियां होंगी. इसके अलावा दूसरी कैटेगरी स्नैक्स मील के नाम से होगी, जिसकी कीमत 50 रुपए होगी. इसमें चावल, राजमा, छोले, खिचड़ी, कुल्चे-भटूरे जैसे भारतीय व्यंजन होंगे. यात्रियों को पाव-भाजी और मसाला डोसा का भी विकल्प मिलेगा.