ग्राहक अपने मोबाइल पर बिना इंटरनेट के लाइव टीवी देख सकेंगे. दरअसल सरकार डायरेक्ट-टू-होम (DTH) की तर्ज पर बिना इंटरनेट के मोबाइल फोन पर टीवी चैनलों को लाइव टेलीकास्ट करने पर विचार कर रही है. इसके लिए डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) तकनीक की मदद ली जाएगी. जिसमें मोबाइल फोन उपयोगकर्ता केबल या डीटीएच कनेक्शन के जरिए अपने डिवाइस पर टीवी देख सकेंगे. इस नई व्यवस्था पर दूरसंचार विभाग (DoT), सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) के साथ-साथ IIT-कानपुर पर काम कर रहे हैं.
सरकार के इस फैसले से जहां मोबाइल उपभोक्ताओं को फायदा होगा, वहीं दूरसंचार ऑपरेटरों को इससे नुकसान हो सकता है, क्योंकि ज्यादातर डेटा का उपयोग वीडियो देखने के लिए होता है. मगर बिना इंटरनेट के टीवी देखने की सुविधा से उनके 5जी नेटवर्क बिजनेस पर असर पड़ेगा. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि ऑपरेटर इस फैसले का विरोध कर सकते हैं.
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी का कहना है कि वे डी2एम को लाने का रास्ता निकाल रहे हैं, हालांकि अंतिम निर्णय सभी हितधारकों और टेलीकॉम ऑपरेटरों के साथ बैठक के बाद लिया जाएगा. इस मुद्दे पर अगले सप्ताह एक बैठक की योजना बनाई गई है, जिसमें दूरसंचार विभाग, एमआईबी, आईआईटी-कानपुर के अधिकारियों के साथ-साथ दूरसंचार और प्रसारण उद्योग के प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है.
बढ़ने वाले हैं स्मार्टफोन यूजर्स
वर्तमान में टीवी की पहुंच लगभग 210-220 मिलियन घरों तक सीमित है, जबकि देश में 800 मिलियन स्मार्टफोन यूजर्स हैं. साल 2026 तक ये आंकड़ा बढ़कर 1 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार 80% से अधिक इंटरनेट ट्रैफ़िक वीडियो से आता है ऐसे में टीवी के साथ मोबाइल पर प्रसारण से इसका दायरा ज्यादा बढ़ेगा. यही वजह है कि सरकार इसका उपयोग शैक्षिक और अन्य आवश्यक जानकारी साझा करने के लिए करना चाहती है.
कैसे आया डी2एम का आईडिया?
आईआईटी कानपुर ने पिछले साल भारत के लिए डी2एम प्रसारण और 5जी ब्रॉडबैंड कन्वर्जेंस का रोड मैप पेश किया था. इसके अनुसार डी2एम नेटवर्क उपयोगकर्ताओं को मामूली मासिक कीमत पर अनलिमिटेड वीडियो और डेटा सामग्री तक पहुंचने में मदद मिलेगी. इसके लिए उन्हें महंगे मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा.