जंक फूड पर नियंत्रण लगाने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से सरकार ने एक समिति बनाई है. कमेटी उपभोक्ताओं को बाजार में उपलब्ध जंक फूड से बचाने के लिए दिशानिर्देश जारी करेगी. साथ ही सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे खाद्य पदार्थों की जांच करेगी, जो पैकेट या खुले में बेचे जा रहे हैं. कमेटी मौजूदा फ्रेमवर्क में उन कमियों की भी तलाश करेगी जिसके चलते स्वास्थ को नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे उत्पाद बाजार में खुलेआम बेचे जा रहे हैं.
उपभोक्ता मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति को 6 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. कमेटी को उन कमियों की जांच और पहचान करने का काम सौंपा गया है जिसकी वजह से बाजार में ये उत्पाद पहुंच जाते हैं और उसके बाद ये उत्पाद पैकेट या खुले में बेचे जाते हैं. कमेटी उत्पादों के साथ ही उनसे संबंधित विज्ञापनों की भी जांच करेगी. कमेटी स्वास्थ्य पर असर डालने वाले पेय पदार्थों और पैकेज्ड भोजन से संबंधित जरूरी आंकड़ों का भी अध्ययन करेगी, इसके लिए सैंपल इकट्ठा किए जाएंगे और इनका विश्लेषण किया जाएगा.
कमेटी में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) जैसे अन्य मंत्रालयों के सदस्यों को भी कमेटी में शामिल किया गया है.