इनदिनों टमाटर से लेकर प्याज और दाल से लेकर अनाज तक हर चीज महंगी होती जा रही है. खाद्य पदार्थों की बढ़ती महंगाई के चलते मेट्रो शहरों में एक परिवार का पेट भरना और महंगा हो गया है. इस बात की पुष्टि एक एनालिसिस रिपोर्ट में हुई है, जिसमें पाया गया कि गैर-मेट्रो शहरों के मुकाबले बड़े व मेट्रो शहरों यानी महानगरों में परिवार का पेट भरना ज्यादा मुश्किल है.
यह विश्लेषण शहरी एवं गैर शहरी क्षेत्रों को ध्यान में रखकर साल 2022 जुलाई से 2023 जुलाई के बीच जरूरी खाद्य सामग्रियों के लिए तैयार किए गए बिल पर आधारित है. इसमें एक परिवार में दो व्यस्कों और दो बच्चों की ओर से आमतौर पर उपभोग किए जाने वाले खाद्य सामग्रियों के डेटा को शामिल किया गया है. इसमें पाया गया कि बड़े शहरों में परिवार का पेट भरना ज्यादा चुनौतीपूर्ण है.
राष्ट्रीय स्तर पर बीते वर्षों में खाद्य महंगाई दर 12.45 % थी. जबकि दिल्ली और चेन्नई में यह दर 18 फीसद थी. वहीं मुंबई में यह सबसे ज्यादा 21 फीसद दर्ज की गई. इस बारे में विशेषकों का कहना है कि बड़े शहरों में फूड इंफ्लेशन के बढ़ने का कारण चुनिंदा उत्पादों के सप्लाई में दिक्कत होना हो सकता है. मेट्रो शहरों में लॉजिस्टिक खर्च महंगा होता है, साथ ही यहां रहने वाले विक्रेता का मार्जिन भी ज्यादा होता है. इन सब खर्चों की लागत को विक्रेता, उपभोक्ता से वसूलता है. खाने-पीने की चीजों के महंगे होने से लोगों का बजट गड़बड़ा गया है. वे अपनी आदतों को बदलने की कोशिश कर रहे हैं.
महंगे टमाटर ने किया परेशान
बीते दिनों लोग टमाटर की कीमतों में हुए इजाफे से काफी परेशान थे. जुलाई में टमाटर दूसरी ऐसी सबसे महंगी खाने की चीज थी, जो आमतौर पर हर भारतीय खरीदते हैं. साल 2022 जुलाई में जहां एक किलो टमाटर की औसत कीमत 36 रुपए थी, वहीं साल 2023 जुलाई में इसकी कीमत 127 रुपए प्रति किलो से ज्यादा हो गई. इसमें करीब 248 फीसद का इजाफा देखने को मिला. इसके अलावा चावल और गेहूं ऐसे तीसरे और चौथे फूड आइटम रहें जो जुलाई 2023 में सबसे महंगे रहे. हालांकि इस बीच सभी प्रमुख खाने के तेल में इस वर्ष गिरावट देखने को मिली.