लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात के लिए लाइसेंस जरूरी करने के बाद अब सरकार चार प्रमुख खनिजों के निर्यात पर रोक लगाने वाली है. इनमें लिथियम (Li), बेरिलियम (Be)] नाइओबियम (Nb), और टैंटलम (Ta) शामिल है. भारत की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के मकसद से ऐसा किया जा सकता है. सरकार का मानना है कि डिफेंस, एयरोस्पेस और बैटरी भंडारण जगत के लिए ये खनिज बेहद जरूरी है. ऐसे में इनका संरक्षण किया जाना चाहिए.
रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और तकनीकी प्रगति के लिए सरकार इन खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है. यह कदम इस साल के अंत तक जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में खोजे गए 5.9 मिलियन टन लीथियम भंडार की नीलामी प्रक्रिया को निपटाए जाने के बाद लिया गया है. जम्मू-कश्मीर रिजर्व के लिए नीलामी का रोडमैप इस महीने के आखिरी तक आ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक 13 अगस्त को एटॉमिक एनर्जी विभाग की ओर से कुछ विषयों को लेकर चिंता जताई गई थी. इसमें प्राइवेट इकाइयों की ओर से देश के अलग-अलग हिस्सों से निकाले जाने वाले प्रमुख खनिजों को बेचे जाने का मसला शामिल था. इसी के तहत अब सरकार ऐसे प्रमुख खनिजों के निर्यात पर रोक लगाने पर विचार कर रही है.
लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात पर लगाया था प्रतिबंध
सरकार ने देश में पर्सनल कम्प्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट के आयात पर प्रतिबन्ध लगा दिया है. इनका आयात अब प्रतिबंधित श्रेणी में होगा. अगर इंपोर्ट जरूरी है तो उसके लिए वैध इंपोर्ट लाइसेंस लेना होगा. हालांकि बैगेज नियम के तहत इंपोर्ट होने वाले इन प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध नहीं होगा. सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के मकसद से ये कदम उठाया था.