भारत के कई राज्यों में हुई भारी बरसात सिर्फ सब्जी ही नहीं बल्कि दूध की महंगाई को भी हवा दे रही है. दरअसल कई राज्यों में बाढ़ और असमान बारिश की वजह से चारे की महंगाई बढ़ी है. अब आशंका जताई जा रही है कि महंगे चारे की वजह से इस वित्त वर्ष में दूध की कीमतों में 5 फीसद की वृद्धि और हो सकती है. कोरोना के बाद से लगातार दूध की कीमतें बढ़ रही हैं. पिछले 3 साल में दूध की कीमतें करीब 22 फीसद बढ़ी हैं. वहीं पिछले एक साल में दूध के दाम 10 रुपए से ज्यादा बढ़े हैं.
क्या है वजह
पशु चारा 25 फीसद महंगा हुआ है. चारे की महंगाई की वजह से दूध उत्पादक खुदरा दाम बढ़ा रहे हैं. डेयरी कंपनियां पहले के मुकाबले ऊंचे दामों पर दूध खरीद रही है. अपनी लागत को पूरा करने के लिए डेयरी उद्योग दूध उत्पादन में आने वाली लागत की भरपाई करने के लिए दूध के दाम बढ़ा रहा है. अगर अगस्त-सितंबर में खराब मानसून रहता है तो इससे दूध की कीमतों में और भी ज्यादा उछाल आएगा.
इसके अलावा कोरोना के बाद दूध और उससे बने उत्पादों की मांग में भी इजाफा हुआ है. जिस वजह से लागत और उत्पादन का संतुलन बिगड़ने से भी दूध महंगा हुआ है.
अब तक कितने बढ़े दाम
पिछले दस साल में दूध की कीमतें 57 फीसद बढ़ी हैं. साल 2013 में एक लीटर फुल क्रीम दूध की कीमत 42 रुपए प्रति लीटर थी. वर्तमान में इसकी कीमत 66 रुपए प्रति लीटर है.