चालू वित्त वर्ष में नए जमाने की लॉजिस्टिक फर्म डेल्हीवरी, एडजस्टेड EBITDA पर ब्रेकईवन की उम्मीद कर रही है. कंपनी के को-फाउंडर और चीफ एक्जीक्यूटिव साहिल बरुआ ने पोस्ट अर्निंग कॉल में ये जानकारी दी. उनका ये बयान 30 जून को समाप्त तिमाही में घाटा सालाना आधार पर 78% कम होकर 89.4 करोड़ रुपये होने के एक दिन बाद आया है. कंपनी का मानना है कि वो वित्त वर्ष 2025 के अंत तक या फिर वित्त वर्ष 2026 की शुरुआत तक शुद्ध लाभ हासिल कर सकती है. बरुआ ने कहा कि उन्हें एक से दो प्रतिशत मार्केट शेयर बढ़ने की उम्मीद है.
हाल ही में डेल्हीवरी ने 1929.8 करोड़ के ऑपरेशन्स रेवेन्यू पर 89.4 करोड़ का घाटा दर्ज किया है. क्रमिक आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में घाटा 158.7 करोड़ से घटकर लगभग आधा हो गया है. वहीं दूसरी ओर तिमाही-दर-तिमाही राजस्व में 3.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. कंपनी ने कहा है कि विस्तार की सालाना लागत का सबसे बड़ा हिस्सा इस तिमाही में खर्च किया जा चुका है. इसलिए विस्तार की लागत आने वाली तिमाहियों में स्थिर रहेगी या कम हो जाएगी क्योंकि ग्रॉस मार्जिन में सुधार आ रहा है.
कम मार्जिन वाले और बिना फायदे वाले ग्राहकों को बाहर किया जा रहा है ताकि कंपनी के कस्टमर मिक्स में सुधार किया जा सके. अप्रैल में आई बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि डेल्हीवरी का ईकॉमर्स शिपमेंट में मार्केट शेयर घट गया है. वित्त वर्ष 2022 में 23 फीसदी से घटकर 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में 21.5 प्रतिशत, और इसके वित्तवर्ष 2020 तक 19 फीसद पर पहुंचने की आशंका है. कंपनी के मार्केट शेयर में से गिरावट जारी रह सकती है.
वहीं कंपनी के मुताबिक वो अपना SaaS सॉफ्टवेयर लॉन्च कर रही है ताकि ग्राहकों को अपने लॉजिस्टिक ऑर्गेनाइज करने में मदद मिल सके. 10 संभावित ग्राहकों के साथ उसकी बातचीत भी चल रही है. अब जब फ्लिपकार्ड जैसी ई-कॉमर्स फर्म बी2बी डिलिवरी में आ रही तब भी डेल्हीवरी के मुताबिक वो इससे परेशान नहीं है. डेल्हीवरी ने कहा कि उसकी एक्सप्रेस पार्सल शिपमेंट में सालाना आधार पर 19 फीसद की बढ़त आई है. इस वजह से एक्सप्रेस पार्सल सर्विस से आने वाले रेवेन्यू में भी वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 14 फीसद की सालाना ग्रोथ दर्ज की गई है.