देश में ट्रैफिक नियम तोड़ने के मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोग सबसे आगे हैं. बुधवार को राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह ने सरकार से स्पीड लिमिट को लेकर हुए चालान का राज्यवार ब्यौरा मांगा. इसके जवाब में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जो आंकड़े रखे, उनमें पता चलता है कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में स्पीड लिमिट का उलंघन करने के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अलावा चंडीगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, हरियाणा और केरल में भी स्पीड लिमिट तोड़ने के ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.
आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2022 के दौरान दिल्ली में स्पीड लिमिट तोड़ने के लिए 3.02 लाख चालान कटे हैं और उन चालान का जुर्माना करीब 570 करोड़ रुपए है. इस जुर्माने में से अबतक 19.22 करोड़ रुपए की वसूली हो पाई है और करीब 520 करोड़ रुपए की वसूली होनी है.
हालांकि स्पीड लिमिट तोड़ने के मामले में कटे चालान का आंकड़ा देखें तो उत्तर प्रदेश दिल्ली से आगे है. 2022 के दौरान उत्तर प्रदेश में स्पीड लिमिट तोड़ने के लिए 5.98 लाख से ज्यादा चालान कटे हैं. हालांकि दिल्ली से ज्यादा चालान कटने के बावजूद उत्तर प्रदेश में जुर्माने की रकम कम है. 5.98 लाख चालान में लगभग 155 करोड़ रुपए का जुर्माना है, जिसमें अबतक 50.21 करोड़ की वसूली हो चुकी है और 105 करोड़ की वसूली होना बाकी है.
अन्य राज्यों में जहां पर ज्यादा चालान कटे हैं उनमें तमिलनाडु में 1.54 लाख हैं, चंडीगढ़ में 1.88 लाख, महाराष्ट्र में 1.18 लाख, हरियाणा में 1.03 लाख और केरल में 2022 के दौरान स्पीड लिमिट तोड़ने के लिए 93 हजार चालान कटे हैं.