अक्सर पैकेट बंद खाद्य पदार्थ खराब निकल जाते हैं, जिससे कस्टमर को काफी परेशानी होती है. ग्राहकों की इसी समस्या को दूर करने के मकसद से केंद्र सरकार ने कंपनियों को खास दिशा-निर्देश दिए हैं. जिसके तहत डिब्बाबंद फूड आइटम्स पर ऐसे लेबल लगाए जाएंगे जो सरल और पढ़ने लायक होंगे. साथ ही इस पर क्यूआर कोड दिया होगा. जिसके जरिए उपभोक्ता सीधे कंपनी के प्रतिनिधि से वीडियो कॉल के जरिए संपर्क कर सकते हैं. वे अपनी शिकायत दर्ज कराने के अलावा उनसे जानकारी भी हासिल कर सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कई कंपनियों ने इस सुविधा पर काम करना शुरू कर दिया है. कुछ महीनों में यह उपलब्ध हो जाएगी. सरकारी दिशानिर्देश के मुताबिक पैकेट पर मौजूद क्यूआर कोर्ड को स्कैन करने से खाद्य पदार्थ के उत्पादन और उपयोग की गई सामग्री की मात्रा की जानकारी मिलेगी. इसके अलावा प्रोडक्ट को लेकर कोई सवाल है तो इसे भी पूछ सकते हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि पैकेटबंद खाद्य पदार्थों को लेकर उपभोक्ता जागरूक हो रहे हैं, ऐसे में उन्हें पूरी जानकारी चाहिए. यह बात कंपनियां भी समझ रही हैं, इसीलिए नई तकनीक वाले क्यूआर कोड पर काम किया जा रहा है. जर्मनी की कुछ कंपनियों ने इसकी शुरुआत की है, अब भारत की कंपनियां भी इसमें लगी हुई हैं.