भारत और चीन के बीच भले ही पिछले संबंध ज्यादा बेहतर न रहे हो, लेकिन दोनों के बीच व्यापारिक संबंध तेजी से बढ़ रहा है. इस बात की पुष्टि खुद चीन के उप व्यापार मंत्री वांग शौवेन नई दिल्ली में चल रहे बी20 शिखर सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा पिछले वर्ष हमारा द्विपक्षीय व्यापार 130 अरब डॉलर तक पहुंच गया. अगर चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय या आरसीईपी संदर्भ में कोई एफटीए समझौता होता, तो दोनों देशों के बीच व्यापार क्षमता और ज्यादा विकसित होती.
शिखर सम्मेलन के एक सत्र में बोलते हुए शौवेन ने कहा कि भारत के लिए 15 देशों के व्यापार संगठन RCEP (Regional Comprehensive Economic Partnership) के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे. बता दें नवंबर 2019 में बैंकॉक शिखर सम्मेलन में भारत ने RCEP में शामिल नहीं होने का फैसला लिया था. इस बारे में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उस वक्त भारत-चीन व्यापार काफी हद तक चीन के पक्ष में झुका हुआ था यही वजह है कि भारत ने इससे बाहर रहने का निर्णय लिया था. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय उद्योग को लगता है कि अगर हमने RCEP के साथ यह समझौता किया होता, तो इससे विकास तो होता लेकिन व्यापार घाटा और बढ़ जाता. पीयूष गोयल ने यह भी बताया कि इस मामले में भारत अमेरिका के साथ है. अमेरिका के साथ भारत का व्यापार सरप्लस में है और पीयूष गोयल इसी तरफ इशारा कर रहे थे.
चीन के अलावा शिखर सम्मेलन में ब्रिटेन के व्यापार एवं व्यापार सचिव केमी बडेनोच ने कहा कि भारत और ब्रिटेन प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत अब अंतिम चरण में है. भारत इस बात का एक आदर्श उदाहरण है कि भविष्य में दुनिया कैसी दिखने वाली है. ऐसे में दोनों देशों को मिलकर आगे बढ़ना होगा.