ChatGPT हो सकती है दिवाला, रोज खर्च हो रहे हैं 5.80 करोड़ रुपए

ChatGPT को विकसित करने वाली कंपनी OpenAI को राजस्‍व न मिलने से बढ़ रहा है घाटा, अगले साल तक निकल सकता है कंपनी का दिवाला.

ChatGPT हो सकती है दिवाला, रोज खर्च हो रहे हैं 5.80 करोड़ रुपए

आर्टिफ‍िशियल इंटेली‍जेंस पर आधारित ChatGPT को चलाना अब काफी महंगा सौदा साबित हो रहा है. ChatGPT को बनाने वाली कंपनी OpenAI इसे चलाने के लिए हर दिन करीब 700,000 डॉलर (करीब 5.80 करोड़ रुपए) खर्च कर रही है. माइक्रोसॉफ्ट और अन्‍य निवेशक इस खर्च को वहन कर रहे हैं. एनालिटिक्‍स इंडिया मैग्‍जीन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सैम अल्‍टमैन के नेतृत्‍व वाली कंपनी OpenAI ने जल्‍द ही मुनाफा कमाना शुरू नहीं किया, तब इसके निवेशक पैसा देना बंद कर सकते हैं. अगर निवेशकों ने अपने हाथ पीछे खींच लिए तब इस कंपनी के 2024 के अंत तक दिवालिया होने की पूरी आशंका है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि माइक्रोसॉफ्ट ने OpenAI में 10 अबर डॉलर का निवेश किया है और इस निवेश से कंपनी कुछ समय तक अपना परिचालन करने में सक्षम है. लेकिन दूसरी ओर, OpenAI ने 2023 में अपना वार्षिक राजस्‍व 20 करोड़ डॉलर और 2024 में 1 अरब डॉलर रहने का अनुमान जताया है. इसके उलट कंपनी का राजस्‍व तो नहीं लेकिन घाटा जरूर बढ़ रहा है. इस साल मई में OpenAI का घाटा दोगुना बढ़कर 54 करोड़ डॉलर हो गया है.

यूजर्स घटने से बढ़ रहा घाटा
रिपोर्ट में कहा गया है कि ChatGPT वेबसाइट पर आने वाले यूजर्स घट रहे हैं. यूजर्स अब इसी तरह की अन्‍य वेबसाइट का उपयोग अधिक कर रहे हैं. इस साल मई में ChatGPT वेबसाइट पर रिकॉर्ड 1.9 अबर यूजर्स ने विजिट किया था. लेकिन जून में यूजर्स की संख्‍या घटकर 1.7 अरब और जुलाई में 1.5 अरब रह गई.

कंपनियों ने लगाई AI चैटबॉट पर रोक
यूजर्स की संख्‍या घटने के पीछे एक वजह दुनियाभर की तमाम कंपनियों का इसपर रोक लगाना भी है. अधिकांश कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ऑफ‍िस वर्क के लिए जनरेटिव एआई चैटबॉट के इस्‍तेमाल पर रोक लगा रखी है. इसके स्‍थान पर कंपनिया लार्ज लैंग्‍वेज मॉडल (एलएलएम) का फायदा उठाने के लिए एपीआई का उपयोग करने की अनुमति दे रही हैं.

मेटा से भी मिल रही चुनौती
एनालिटिक्‍स इंडिया मैग्‍जीन का कहना है कि ओपन सोर्स एलएलएम मॉडल्‍स आने से जनरेटिव एआई चैटबॉट का उपयोग घटा है. मेटा ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर ऐसा ही एक मॉडल लामा 2 (Llama 2) विकसित किया है, जो लोगों को कमर्शियल उद्देश्‍यों के लिए इसे उपयोग करने की अनुमति देता है. OpenAI के लिए एक दूसरी सबसे बड़ी चुनौती ग्राफ‍िक्‍स प्रोसेस‍िंग यूनिट (जीपीयू) की कमी है. जीपीयू की कमी से कंपनी की नए मॉडल विकसित करने की क्षमता भी प्रभावित हो रही है.

एलन मस्‍क भी दे रहे हैं कड़ी टक्‍कर
ChatGPT के सामने जल्‍द ही एक और बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है. एलन मस्‍क एक प्रतिस्‍पर्धी चैटबॉट विकसित कर रहे हैं. मस्‍क एक ट्रुथजीपीटी बनाने पर विचार कर रहे हैं, जो राजनीतिक रूप से स्‍वतंत्र होगा. मस्‍क का कहना है कि ChatGPT राजनीतिक एजेंडा चला रहा है. मस्‍क ने अपने बॉट के लिए 10,000 NVIDIA GPUs खरीदे हैं.

Published - August 14, 2023, 02:17 IST