प्रमुख शराब निर्माण कंपनी रेडिको खेतान लिमिटेड ने यूपी सरकार को 1,078 करोड़ का चूना लगाया है. कंपनी ने बीते सात साल (2013-14 से 2019-20 तक) में एक्साइज ड्यूटी और टैक्स कम चुकाया है. नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने इस बात का खुलासा किया है. हालांकि रेडिको खेतान का कहना है कि कंपनी ने देश के राजस्व सहित सभी कानूनी आवश्यकताओं का अनुपालन किया है और उन्हें इस मामले में किसी भी तरह की अनियमितता का कोई नोटिस नहीं मिला है.
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की ओर से आयकर विभाग को दिए गए रिकॉर्ड और राज्य आबकारी विभाग में उपलब्ध रिकॉर्ड में अंतर पाया गया है. रेडिको खेतान ने उत्पाद शुल्क रिकॉर्ड में इनपुट वस्तुओं की खपत कम बताई थी, जिसमें 595.75 करोड़ रुपए का उत्पाद शुल्क राजस्व दिखाया गया, जिस पर 482.34 करोड़ रुपए का ब्याज लगाया गया था. नतीजतन रेडिको खेतान ने उत्पाद शुल्क सामग्री की खपत को कम करके दिखाया गया और सरकार को 1,078.09 करोड़ रुपए की कम एक्साइज ड्यूटी व टैक्स कम चुकाया. बता दें कंपनी राज्य के उत्पाद शुल्क राजस्व में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देती है.
उपभोग सामग्री और रिटर्न में किया घपला
कैग ने कंपनी की ओर से शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले मोलासेस, अनाज और जौ माल्ट से संबंधित मटेरियल्स की जांच की. इसके बाद इन उपभोग सामग्रियों के आंकड़ों की तुलना कंपनी की तरफ से आयकर विभाग को दिए गए रिटर्न और सहायक आबकारी आयुक्त एईसी रामपुर के रिकॉर्ड में मौजूद मात्राओं के साथ की. जिसमें काफी बड़ा अंतर पाया गया.